Friday, November 22, 2024

Water Crisis: कोर्ट में नित नए बहाने, कांग्रेस-AAP को दिल्ली की प्यासी जनता कैसे करेगी माफ?

Hearing in Supreme Court on water crisis in Delhi: दिल्ली में जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इस मामले में दिल्ली की AAP सरकार समेत दूसरी राज्य सरकारों के बयानों से आपसी नूरा-कुश्ती सामने आ रही है। सरकारें नित नए बयान देकर एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रही हैं। शुरुआत में दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट यह कहकर पहुँची थी कि हिमाचल प्रदेश सरकार उसे 136 क्यूसेक पानी दे रही है, लेकिन हरियाणा सरकार उसे दिल्ली में नहीं आने दे रही है। अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसके पास एक्स्ट्रा पानी है ही नहीं, तो वह दिल्ली को भला कहां से देगा?

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पहले साथ अब खड़े किए हाथ

लोकसभा चुनाव तक दिल्ली और हिमाचल की सत्ताधारी पार्टियां एक पक्ष में खड़ी थी। हरियाणा को घेरने के लिए हिमाचल सरकार के वादे को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और कहा था कि हिमाचल सरकार पानी दे रही है, लेकिन हरियाणा उसे दिल्ली तक नहीं पहुंचने दे रहा। लेकिन अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी तो सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल की कांग्रेस सरकार पलट गई। हिमाचल सरकार ने कहा कि उसके पास एक्स्ट्रा पानी नहीं है। ऐसे में पार्टियों और सरकारों की आपसी नूरा-कुश्ती में आम जनता पिस रही है।

कोर्ट के समक्ष नित नए बहाने

सुप्रीम कोर्ट ने जब दिल्ली की केजरीवाल सरकार को टैंकर माफिया के मुद्दे पर घेरा तो दिल्ली सरकार ने पहले यह बहाना बनाया कि टैंकर माफिया पर उसका बस नहीं चलता, क्योंकि दिल्ली पुलिस उसके कब्जे में नहीं है। इस पर जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को डांट लगाई कि यदि तुम कार्रवाई नहीं कर सकते तो हम दिल्ली पुलिस को कार्रवाई का आदेश देंगे। इस पर अब केजरीवाल सरकार ने कहा है कि टैंकर माफिया यमुना पार हरियाणा से ऑपरेट करते हैं। वह हमारा इलाका ही नहीं है।

अब कहा, पानी की बर्बादी रोकेंगे

अभी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो अपर यमुना रिवर बोर्ड से अपील करे कि वो ज्यादा पानी दिल्ली के लिए छोड़े। चूंकि सुप्रीम कोर्ट पानी के बंटवारे की एक्सपर्ट नहीं है, इसलिए यमुना के पानी के बंटवारे की जिम्मेदारी अपर यमुना रिवर बोर्ड पर छोड़ दें। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि वो जल संकट से निपटने की क्या कोशिशें कर रही है, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि वो दिल्ली में पानी की बर्बादी रोकने के लिए कदम उठा रही है।

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