वसंतकुंज आश्रम विवाद: दिल्ली का वसंतकुंज इलाका इन दिनों एक बड़े विवाद की वजह से चर्चा में है।
यहां के एक मशहूर आश्रम के संचालक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर करीब 15 छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन आरोपी इस समय फरार है। उसकी तलाश में दिल्ली पुलिस कई जगहों पर दबिश दे रही है।
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वसंतकुंज आश्रम विवाद: कौन है आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती?
आरोपी का असली नाम पार्थसारथी बताया जा रहा है, जबकि वह खुद को स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती कहकर पेश करता था।
यह व्यक्ति लंबे समय से वसंतकुंज के नामी आश्रम का संचालन कर रहा था। पुलिस को जांच के दौरान आरोपी की एक वॉल्वो कार मिली,
जिस पर फर्जी राजनयिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी हुई थी। कार को जब्त कर लिया गया है।
मामला दर्ज होने के बाद आश्रम प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को उसके पद से हटा दिया।
पुलिस जांच और लोकेशन
पुलिस ने आरोपी की तलाश में कई जगह छापेमारी की है। जांच में उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में मिली है।
अब दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस की मदद से उसकी तलाश कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी से पूछताछ बेहद जरूरी है,
क्योंकि अब तक जो आरोप लगे हैं, वे गंभीर और संवेदनशील हैं।
कैसे सामने आया मामला?
दिल्ली पुलिस को यह शिकायत श्रीशृंगेरी मठ और उसकी संपत्तियों के प्रशासक पी. ए. मुरली से मिली थी।
शिकायत में कहा गया कि आरोपी ने शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की कई छात्राओं का यौन शोषण किया।
यहां पढ़ने वाली छात्राएं EWS स्कॉलरशिप पर अपनी पढ़ाई कर रही थीं और PGDM कोर्स कर रही थीं।
छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्वामी चैतन्यानंद ने न सिर्फ गाली-गलौज की,
बल्कि उन्हें अश्लील व्हाट्सएप मैसेज और एसएमएस भेजे। कई बार वह उनके साथ जबरन गलत तरीके से नजदीकी बनाने की कोशिश भी करता था।
महिला फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेटर ने बनाया दबाव
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कॉलेज में काम करने वाली कुछ महिला फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेटर भी आरोपी का साथ दे रही थीं।
छात्राओं ने बताया कि इन महिलाओं ने उन पर दबाव डाला कि वे स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की मांगें मानें। इससे छात्राओं पर मानसिक दबाव और ज्यादा बढ़ गया।
छात्राओं ने दी गवाही?
पुलिस ने अब तक 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं। इनमें से 17 छात्राओं ने साफ तौर पर कहा कि उनके साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न हुआ।
उन्होंने बताया कि आरोपी कई बार उन्हें गलत मैसेज भेजता था और निजी तौर पर बुलाने की कोशिश करता था।
पुलिस ने आरोपी को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन उसने कभी सहयोग नहीं किया।
अब जब मामला गंभीर हो गया है और एफआईआर दर्ज हो गई है तो वह आश्रम से गायब हो गया और फरार हो गया।
यह मामला सामने आने के बाद से लोगों में गुस्सा है। आश्रम और धार्मिक संस्थानों को लोग आस्था और विश्वास से जोड़कर देखते हैं।
ऐसे में वहां इस तरह की घटनाओं का खुलासा होना आम लोगों को आहत कर रहा है।

