Uttarakhand: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को हुई भीषण प्राकृतिक आपदा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। खीर गंगा नदी के कैचमेंट क्षेत्र में बादल फटने के कारण आई तेज फ्लैश फ्लड और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई।
इस विनाशकारी घटना में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि लगभग 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
घटनास्थल के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि पहाड़ों से उग्र जलधारा तेजी से बहती हुई गांव की ओर बढ़ रही है।
लोग चीख-पुकार के साथ जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। पानी के तेज बहाव ने कई घरों को बहा दिया और जीवन सामान्य से पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।
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Uttarakhand: पीएम ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और हालात की जानकारी ली।
उन्होंने ‘X’ पर लिखा कि “उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर हालात की जानकारी ली है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को हर संभव मदद प्रदान करेगी और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
अमित शाह ने ली जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस गंभीर घटना को लेकर मुख्यमंत्री से संपर्क किया और ITBP तथा NDRF को तत्परता से राहत कार्य के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि पास में ही तैनात आईटीबीपी की तीन टीमों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया है,
जबकि एनडीआरएफ की चार टीमों को भी जल्द मौके पर पहुंचाया जा रहा है। गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार इस आपदा पर लगातार नजर बनाए हुए है और जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी।
लोगों से नदी और पहाड़ से दूर रहने की अपील
उत्तरकाशी पुलिस ने घटनास्थल की तस्वीरें साझा करते हुए लोगों से नदी और पहाड़ी इलाकों से दूर रहने की अपील की है।
पुलिस प्रशासन और आपदा प्रबंधन दलों द्वारा लगातार राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं।
विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें मौके पर जुटी हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने में लगी हुई हैं।
धराली गांव की यह त्रासदी एक बार फिर यह चेतावनी देती है कि हिमालयी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक वर्षा किस कदर विनाशकारी हो सकते हैं।
सरकार की निगरानी में राहत कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द लापता लोगों की तलाश पूरी की जा सकेगी और सामान्य स्थिति बहाल की जा सकेगी।