Friday, April 11, 2025

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में 5 आध्यात्मिक कॉरिडोर बनकर तैयार, जानें कहां से कहां जाना हुआ आसान?

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए महाकुंभ 2025 ने यूपी में आध्यात्मिक एवं धार्मिक पर्यटन की नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। इस महाकुंभ के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने पाँच प्रमुख आध्यात्मिक गलियारे विकसित किए हैं। इसके बारे में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने धर्मनगरी कहलाने वाले प्रयागराज में बहुत प्रमुखता के साथ किया है। महाकुंभ के दौरान जिन 5 धार्मिक कॉरिडोर को योगी सरकार ने विकसित किया है, उनके माध्यम से श्रद्धालु राज्य भर के विभिन्न धार्मिक स्थलों तक आसानी से जा सकेंगे।

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Uttar Pradesh News: प्रयागराज-विंध्याचल-काशी कॉरिडोर

इन आध्यात्मिक गलियारों में प्रयागराज-विंध्याचल-काशी कॉरिडोर भी शामिल है। इसके माध्यम से भक्त प्रयागराज से विंध्याचल देवीधाम और फिर वाराणसी तक जा सकेंगे। विंध्याचल एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। वहीं, वाराणसी भगवान शिव की नगरी है। इस तरह यह गलियारा शिव और शक्ति को जोड़ेगा।

प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर कॉरिडोर

दूसरा कॉरिडोर, प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर कॉरिडोर है। यह भगवान राम को भगवान शिव के अवतार कहलाने वाले महायोगी गुरु गोरखनाथ से जोड़ेगा। यह वैष्णव के साथ शैव परंपरा का मिलन होगा। प्रयागराज की त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु भगवान हनुमान, अक्षय वट और सरस्वती कूप के दर्शन के बाद रामलला का दर्शन करने के लिए अयोध्या जा सकते हैं। अयोध्या के बाद वे गोरखपुर जाकर गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरखनाथ का दर्शन कर सकते हैं।

प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य कॉरिडोर

तीसरा कॉरिडोर है प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य कॉरिडोर। इस कॉरिडोर के माध्यम से श्रद्धालु लखनऊ होते हुए नैमिषारण्य धाम जा सकेंगे। नैमिषारण्य धाम हिंदू धर्म के 88 महातीर्थों में से एक है। यह 88,000 ऋषियों की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है। यह ब्रह्मा, भगवान विष्णु, महादेवी सती और भगवान शिव से जुड़ा हुआ है।

प्रयागराज-राजापुर (बाँदा)-चित्रकूट कॉरिडोर

चौथे प्रयागराज-राजापुर (बाँदा)-चित्रकूट कॉरिडोर भगवान राम के वनवास से जुड़ा होगा और यह श्रद्धालुओं को चित्रकूट धाम ले जाएगा। यहाँ कामदगिरि पर्वत, रामघाट और हनुमान धारा जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। राजापुर रामचरितमानस एवं विनय पत्रिका जैसे ग्रंथों को लिखने वाले गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली है।

प्रयागराज-मथुरा-वृंदावन-शुकतीर्थ कॉरिडोर

पांचवें प्रयागराज-मथुरा-वृंदावन-शुकतीर्थ कॉरिडोर के तहत श्रद्धालु बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से मथुरा-वृंदावन और फिर शुकतीर्थ जा सकेंगे। शुकतीर्थ भगवान कृष्ण और दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है। इसके अलावा श्रद्धालु भगवान कृष्ण की जन्मस्थली और उनके बचपन से जुड़ी मथुरा वृंदावन की यात्रा भी कर सकेंगे।

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