Friday, July 25, 2025

Uttar Pradesh: शिव भक्त बना मौलवी का बेटा, आधार मांगते ही खुली पोल

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ प्रशासन बल्कि श्रद्धालुओं को भी हैरत में डाल दिया है। यहां एक मुस्लिम युवक कासिम ने अपनी पहचान छिपाकर शिव मंदिर में एक वर्ष तक पुजारी बनकर जीवन बिताया।

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उसने खुद को ‘कृष्णा’ नाम से प्रस्तुत किया और इतने विश्वास के साथ पूजा-पाठ, मंत्रोच्चारण और धार्मिक अनुष्ठान किए कि किसी को उस पर शक नहीं हुआ।

Uttar Pradesh: कांवड़ लाने को बोलकर गया

कासिम की असलियत तब सामने आई जब सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान वह अचानक मंदिर से यह कहकर चला गया कि वह कांवड़ लाने जा रहा है, लेकिन वास्तव में वह अपनी पहचान उजागर होने के डर से भाग गया और 15 दिन तक मुजफ्फरनगर के काली माता मंदिर में छिपकर रहा।

यात्रा समाप्त होने के बाद वह दादरी लौट आया, लेकिन इस बीच मंदिर के दानपात्र में कम राशि मिलने पर ग्रामीणों को शक हुआ।

प्रधान ने मांगा आधार कार्ड

ग्राम प्रधान प्रवीण मोतला ने बताया कि जब पुजारी कृष्णा से उसका आधार कार्ड मांगा गया, तो वह कोई वैध पहचान पत्र नहीं दे पाया। इस पर ग्रामीणों ने पुलिस को बुला लिया। पुलिस पूछताछ में युवक की असल पहचान सामने आई।

वह बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला कासिम निकला, जिसके पिता अब्बास स्थानीय मस्जिद में मौलवी हैं।

जांच में यह भी सामने आया कि पारिवारिक कलह के चलते कासिम लगभग 15 साल पहले घर छोड़कर दिल्ली आ गया था। वहां उसने कालकाजी मंदिर में लगभग पांच वर्ष बिताए और वहीं से धार्मिक गतिविधियों में रुचि लेने लगा।

बाद में वह पंजाब चला गया और नौ साल तक वहां के एक मंदिर में भी पूजा-पाठ करता रहा। यहीं से उसने यू-ट्यूब और अन्य माध्यमों से दुर्गा सप्तशती, हनुमान चालीसा, आरतियां और संस्कृत मंत्र याद किए। धीरे-धीरे वह पूरी तरह एक पुजारी की भूमिका में ढल गया और दादरी आकर एक शिव मंदिर में रहने लगा।

पिता निकला मौलवी

स्थानीय लोग उसे कृष्णा पुजारी के रूप में जानते थे। वह मंदिर की साफ-सफाई करता था, पूजा-अर्चना करवाता था और श्रद्धालुओं को तांत्रिक उपाय भी बताता था। लेकिन जैसे ही वह कांवड़ यात्रा के बहाने भागा और फिर अचानक लौटा, लोगों को उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं।

पुलिस ने जब बिहार पुलिस के जरिए कासिम के परिवार से संपर्क किया तो उसकी पहचान की पुष्टि हुई। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपी पर धर्म छिपाने, धोखाधड़ी और दानपात्र में गड़बड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

यह मामला धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। सवाल यह भी है कि आखिर इतने लंबे समय तक एक व्यक्ति बिना वैध पहचान के मंदिर में रह कैसे गया और किसी को शक क्यों नहीं हुआ।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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