Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के प्रसिद्ध अवसानेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार पर दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी। इसी दौरान रविवार देर रात करीब 2:30 बजे एक बड़ा हादसा हो गया।
मंदिर परिसर में अचानक करंट फैल गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 29 लोग घायल हो गए। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह हादसा सावन की आस्था को झकझोर देने वाला बन गया।
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Uttar Pradesh: दो श्रद्धालुओं की मौत
मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए मौजूद थे। जिला प्रशासन के मुताबिक, कुछ बंदर मंदिर के ऊपर से गुजर रहे बिजली के तारों पर कूद गए। इससे तार टूटकर मंदिर परिसर के टीनशेड पर गिर गया और पूरे क्षेत्र में करंट फैल गया।
करंट लगते ही लोगों में चीख-पुकार मच गई और भगदड़ शुरू हो गई। इस भगदड़ में 16 वर्षीय प्रशांत कुमार और 35 वर्षीय रमेश कुमार की मौत हो गई।
हादसे के बाद पुलिस व प्रशासन तुरंत हरकत में आया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अवधेश यादव ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने घायलों को एंबुलेंस से हैदरगढ़ सीएचसी पहुंचाया।
कुछ घायलों को त्रिवेदीगंज और कोठी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है। पांच गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हादसे को लेकर बाराबंकी के जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।
उन्होंने घायलों के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश भी दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के वक्त मंदिर परिसर में करीब 3 हजार से ज्यादा श्रद्धालु लाइन में लगे हुए थे।
सावन के सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। अवसानेश्वर महादेव मंदिर बाराबंकी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है और सावन में यहां हर सोमवार को हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं।
इस घटना ने रविवार सुबह हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुए दर्दनाक हादसे की याद ताजा कर दी। वहां भी सावन की भीड़ के बीच भगदड़ मच गई थी, जिसमें 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
दोनों हादसे यह बताने के लिए काफी हैं कि सावन जैसे भीड़भाड़ वाले पर्वों में प्रशासनिक तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था कितनी जरूरी है।
बाराबंकी और हरिद्वार की इन दो बड़ी घटनाओं ने एक बार फिर सावन में भीड़ नियंत्रण और बिजली सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर गंभीर चिंतन की आवश्यकता खड़ी कर दी है। प्रशासन के साथ-साथ मंदिर प्रबंधन को भी अब अतिरिक्त सतर्कता बरतने की ज़रूरत है।