महिलाओं में यूरिन इंफेक्शन यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) एक आम समस्या मानी जाती है, लेकिन इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।
शुरुआत में यह केवल जलन या बार-बार पेशाब आने जैसी परेशानी लगती है, मगर समय पर इलाज न हो तो यही संक्रमण किडनी तक पहुंचकर गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है।
इसलिए महिलाओं के लिए इसके संकेतों को समझना और समय रहते सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
महिलाओं में क्यों ज्यादा होता है यूरिन इंफेक्शन?
महिलाओं की शारीरिक बनावट के कारण बैक्टीरिया को यूरिन के रास्ते शरीर में प्रवेश करना आसान हो जाता है। पर्सनल हाईजीन की कमी, कम पानी पीना, लंबे समय तक पेशाब रोकना या इम्यूनिटी कमजोर होना इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं।
कई बार महिलाएं इसे मामूली समस्या समझकर इलाज टाल देती हैं, जो आगे चलकर खतरा बढ़ा सकता है।
कब बन सकता है UTI किडनी की बीमारी?
आरएमएल हॉस्पिटल के महिला रोग विभाग की डॉक्टर सलोनी चड्ढा के अनुसार, अगर यूरिन इंफेक्शन का सही और समय पर इलाज न किया जाए, तो यह ब्लैडर से ऊपर की ओर बढ़कर किडनी तक पहुंच सकता है।
इसे किडनी इंफेक्शन कहा जाता है, जो किडनी के काम करने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है और गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती तक की नौबत आ सकती है।
शुरुआती और गंभीर लक्षण क्या हैं?
शुरुआत में पेशाब के दौरान जलन, बार-बार पेशाब आना, निचले पेट में भारीपन या दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। लेकिन जब संक्रमण किडनी तक पहुंच जाता है, तो तेज बुखार, ठंड लगना, पीठ या कमर के निचले हिस्से में दर्द, उल्टी और मतली जैसी परेशानियां होने लगती हैं।
कुछ महिलाओं में पेशाब में खून आना या बदबूदार पेशाब भी चेतावनी संकेत हो सकता है।
गर्भवती महिलाएं, डायबिटीज से पीड़ित और कमजोर इम्यूनिटी वाली महिलाओं को विशेष सतर्क रहने की जरूरत होती है।
यूरिन इंफेक्शन से कैसे करें बचाव?
पानी भरपूर पिएं:
दिनभर पर्याप्त पानी पीने से यूरिन के साथ बैक्टीरिया बाहर निकलते रहते हैं और संक्रमण का खतरा कम होता है।
पेशाब रोकने की आदत छोड़ें:
लंबे समय तक पेशाब रोकना बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका देता है, इसलिए समय-समय पर पेशाब जरूर करें।
निजी स्वच्छता बनाए रखें:
डेली पर्सनल हाईजीन का ध्यान रखने से बैक्टीरिया पनपने की संभावना कम होती है।
टॉयलेट के बाद सही तरीके से सफाई करें:
हमेशा आगे से पीछे की ओर सफाई करें और कॉटन के अंडरगारमेंट्स पहनें, ताकि नमी न बनी रहे।
लक्षण दिखते ही जांच कराएं:
पेशाब में जलन, दर्द या कोई भी असामान्य बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, ताकि संक्रमण को गंभीर होने से रोका जा सके।
समय पर ध्यान देना ही सबसे बड़ा बचाव
यूरिन इंफेक्शन को सिर्फ एक सामान्य परेशानी समझकर नजरअंदाज करना महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय रहते इलाज कराने से न सिर्फ संक्रमण को रोका जा सकता है, बल्कि किडनी तक पहुंचने वाले गंभीर खतरे से भी बचा जा सकता है।
जागरूकता, सही जानकारी और थोड़ी-सी सावधानी महिलाओं को इस समस्या से सुरक्षित रख सकती है।

