UCC: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बुधवार (22 जनवरी 2025) को समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी। यह कानून व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी शादियों, तलाक, संपत्ति उत्तराधिकार और विरासत जैसे मामलों में स्पष्टता और समानता लाने का काम करेगा। इसी के साथ उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। बता दें UCC सबके हित में होने के बावजूद इस लेकर देश में कई विपक्षी दल अपना विरोध जता चुके।
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UCC को लेकर सरकार का बयान
उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी बयान में UCC को लेकर कहा गया है कि यह कानून राज्य के सभी निवासियों पर लागू होगा, चाहे वे राज्य के अंदर रह रहे हों या बाहर। हालाँकि, संविधान के अनुच्छेद 342 और 366 (25) के तहत अधिसूचित अनुसूचित जनजातियों और संरक्षित प्राधिकृत व्यक्तियों तथा समुदायों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। समान नागरिक संहिता अधिनियम- 2024, व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
UCC जानें कानून की विशेष बातें
(1) UCC के तहत शादी सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों के बीच हो सकती है जिनमें से किसी का भी जीवनसाथी जीवित न हो, दोनों मानसिक रूप से सक्षम हों, पुरुष की उम्र 21 वर्ष और महिला की उम्र 18 वर्ष पूरी हो चुकी हो और वे प्रतिबंधित संबंधों की श्रेणी में न आते हों।
(2) शादी किसी भी धार्मिक रीति-रिवाज या कानूनी प्रक्रिया के तहत की जा सकती है, लेकिन इसे लागू होने के 60 दिनों के भीतर रजिस्टर कराना अनिवार्य है।
(3) अधिनियम के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है। आवेदन करने के बाद उप-पंजीयक को 15 दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा।
(4) रजिस्ट्रेशन आवेदन को खारिज किए जाने पर अपील की पारदर्शी प्रक्रिया भी उपलब्ध है। झूठी जानकारी देने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है, लेकिन रजिस्ट्रेशन न होने पर शादी को अवैध नहीं माना जाएगा।
(5) उत्तराखंड सरकार इस अधिनियम को लागू करने के लिए रजिस्ट्रार जनरल, पंजीकरण और उप-पंजीयक की नियुक्ति करेगी। यह अधिकारी संबंधित रिकॉर्ड्स का रखरखाव और निगरानी सुनिश्चित करेंगे।
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