Monday, December 1, 2025

ट्रेनों में भी लागू होगी ‘प्लेन की तरह सामान की वजन लिमिट’

स्टेशन पर लगेगी इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीनें

प्रयागराज मंडल में अब रेलयात्रियों के सामान का वजन हवाई जहाज़ की तरह तय सीमा पर जांचा जाएगा। तय सीमा से अधिक सामान होने पर यात्रियों को अतिरिक्त किराया और भारी जुर्माना देना होगा।

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प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल और अन्य बड़े स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक मशीनें लगाई जा रही हैं।

रेलवे का कहना है कि यदि किसी यात्री ने अग्रिम में अतिरिक्त सामान की बुकिंग नहीं कराई है और उसके पास सीमा से अधिक वजन पाया जाता है, तो उसे बुकिंग चार्ज का छह गुना तक दंड भरना होगा। पहले रेलवे नरमी बरतता था, लेकिन अब नियम सख्ती से लागू होंगे।

सभी प्रमुख स्टेशनों पर जांच

प्रयागराज जंक्शन, छिवकी, मिर्जापुर, कानपुर सेंट्रल, सूबेदारगंज, गोविंदपुरी, इटावा, टूंडला और अलीगढ़ जंक्शन जैसे स्टेशनों पर सभी एंट्री प्वाइंट पर मशीनें लगाई जाएंगी।

यात्री प्लेटफॉर्म में प्रवेश से पहले अपने सामान का वजन कराएंगे। उतरने वाले यात्रियों का सामान भी जांचा जा सकेगा।

प्रयागराज मंडल के सीनियर डीसीएम हिमांशु शुक्ला ने बताया कि बड़ा आकार होने पर भी यदि सामान सीमा से कम वजनी है, फिर भी अधिक जगह घेरने पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसका उद्देश्य ट्रेनों में अनावश्यक भीड़ और असुविधा को रोकना है।

अलग-अलग श्रेणी के लिए तय वेट लिमिट

रेलवे ने श्रेणीवार सीमा निर्धारित की है। एसी फर्स्ट क्लास यात्री 70 किलो, एसी टू क्लास 50 किलो, एसी थ्री क्लास 40 किलो, स्लीपर क्लास 40 किलो और जनरल क्लास यात्री अधिकतम 35 किलो सामान ले जा सकेंगे।

निर्धारित सीमा से अधिक सामान केवल अग्रिम बुकिंग कराकर ही ले जाया जा सकेगा।

सुरक्षा और सुविधा को लेकर सख्ती

रेलवे का कहना है कि यह कदम ट्रेनों में सुरक्षा, आराम और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

अक्सर यात्री जरूरत से ज्यादा सामान लेकर सफर करते हैं जिससे भीड़भाड़ बढ़ती है और असुविधा होती है। अब सभी को नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले नियमों को ध्यान से पढ़ें।

और अतिरिक्त सामान की स्थिति में अग्रिम बुकिंग कर शुल्क चुका दें ताकि सफर के दौरान परेशानी न झेलनी पड़े।

Mudit
Mudit
लेखक 'भारतीय ज्ञान परंपरा' के अध्येता हैं और 9 वर्षों से भारतीय इतिहास, धर्म, संस्कृति, शिक्षा एवं राजनीति पर गंभीर लेखन कर रहे हैं।
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