Politics on Ambedkar: संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर इन दिनों राजनीति गरमाई हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में अंबेडकर को लेकर दिए गए कथित बयान को कांग्रेस बाबा साहेब का अपमान बताकर आंदोलन कर सियासी वोट तलाशने में जुटी है जबकि यह सभी जानते हैं कि बाबा साहेब का अपमान जितना कांग्रेस ने किया और किसी ने शायद ही किया हो।
यह इसी से साबित हो जाता है कि जवाहर लाल नेहरू के समय भीमराव अंबेडर को हासिये पर धकेलने का प्ूरा प्रयास हुआ। तब भीमराव अंबेडर को वर्ष 1952 और 1954 के चुनाव में कांग्रेस ने टिकट तक नहीं दिया था। इतना ही नहीं एक बार जब अंबेडर ने चुनाव लड़ा भी तो उन्हें कांग्रेस ने हरवा दिया। यह इतिहास से लेकर विपक्षी दल भाजपा तक दावा कर रही है। यही नहीं भाजपा का तो दावा है कि अंबेडकर को कांग्रेस ने इस्तीफा देने को मजबूर किया था, उन्होंने स्वैच्छा से इस्तीफा नहीं दिया। वहीं कांग्रेस ने इतने लंबे शासनकाल में उन्हंे भारत रत्न देना भी मुनासिब नहीं समझा।
‘कांग्रेस ने अंबेडकर का इस्तीफा देने को मजबूर किया’
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने 24 दिसंबर, 2024 को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में अंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस को खूब आड़े हाथ लिया। भजन लाल ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब को अपमानित किया और उनका मजाक उड़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब को कांग्रेस ने इस्तीफा देने पर मजबूर किया था। साथ ही उन्हें सदन में बोलने तक नहीं दिया गया। यदि बाबा साहेब ने इस्तीफा दिया था तो कांग्रेस को अंबेडकर का इस्तीफा पत्र दिखाना चाहिए।
‘कांग्रेस ने दो बार बाबा साहेब को टिकट नहीं दिया’
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आगे कहा कि वर्ष 1952 के चुनाव में कांग्रेस ने अंबेडकर को टिकट नहीं दिया। इसके बाद 1954 में भी टिकट नहीं दिया और वह जब चुनाव लड़े तो उनका विरोध किया। अंबेडकर को चुनाव में हराने का काम कांग्रेस ने किया। कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी के नाम से कई स्मारक और योजनाएं बनाईं, जबकि जिसने देश को संविधान दिया, उनके नाम पर कुछ नहीं किया।
‘वाजपेयी सरकार ने दिया भारत रत्न, कांग्रेस ने नहीं दिया’
भजन लाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय तक शासन में रही, लेकिन बाबा साहेब को भारत रत्न तक नहीं दिया। उन्हें भारत रत्न दिलाने का काम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने किया। मुख्यमंत्री बोले कि जब अंबेडकर ने इस्तीफा दिया तो उस समय कैबिनेट ने इस संबंध में खुशी जाहिर की गई।
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