Friday, November 22, 2024

उत्तराखंड में चीन बॉर्डर तक जाएगी ट्रेन,16 घंटे का सफर होगा तीन घंटे का

लद्दाख में भारत का चीन के साथ तनाव भले ही घट रहा हो मगर फिर भी भारत भविष्य की तैयारियों पर काम कर रहा है। इसी का एक हिस्सा है की अब जल्द ही उत्तराखंड में चीन सीमा तक भारतीय रेल दौड़ती नजर आएगी। जो चंपावत जिले के टनकपुर से पिथौरागढ़ के रस्ते होते हुए बागेश्वर के बीच बनायीं जाएगी। यहाँ 169 किमी लंबी रेल लाइन बनायीं जाएगी जो टनकपुर से पिथौरागढ़ होते हुए बागेश्वर तक जाए‌गी। यहाँ बनने वाली रेल लाइन लगभग 169 किमी लंबी होगी जिसके सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

हिमालय के पहाड़ों के बीच से गुजरेगी

यह रेल लाइन उच्च हिमालय के पहाड़ों के बीच से गुजरते हुए चीन सीमा से लगते पिथौरागढ़ और बागेश्वर तक जाएगी। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह के मुताबिक नई रेल लाइन रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पिथौरागढ़ जिला नेपाल व चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा है। वहीँ टनकपुर भारत-नेपाल सीमा से लगता इलाका है और यह उत्तराखंड में नेपाल सीमा पर भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन भी है।

16 घंटे का सफर तीन घंटे में

फिलहाल पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालय वाले इलाकों से चीन तक पहुंचने के लिए 5 दर्रे हैं। इनमें लिपुलेख, ऊंटा जयंती,लम्पिया धुरा, लेविधुरा, व दारमा दर्रे हैं। ये सभी करीब 5 हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं। जिसकी वजह से भारतीय सेना के लिए इन इलाकों तक तेजी से सप्लाई पहुंचाना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

अगर सड़क के माद्यम से टनकपुर से पिथौरागढ़ होते हुए चीन बॉर्डर तक जाया जाये तो इसमें 16 घंटे से ज्यादा का समय लग सकता है। लेकिन अब नयी रेल लाइन बिछने के बाद यह काम दो से तीन घंटे में हो जाएगा।

अंग्रेजों ने भी 150 साल पहले किया था सर्वे

अंग्रेजो ने लगभग 150 साल पहले यानि 1882 में पहली बार टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे किया था। क्योकि उस वक़्त उत्तराखंड के इस इलाके के लोग तिब्बत के साथ सीमा व्यापार करते रहे हैं। उस समय भी इसका सामरिक व व्यापारिक महत्व बहुत था।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article