सिडनी आतंकी हमला: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर 2025 को हुई गोलीबारी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया।
इस हमले में 16 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए।
यह हमला उस समय हुआ जब समुद्र तट पर यहूदी समुदाय हनुक्का उत्सव मना रहा था।
दो दिन बाद, 16 दिसंबर को तेलंगाना पुलिस ने बयान जारी कर पुष्टि की कि इस हमले का मुख्य आरोपी 50 वर्षीय साजिद अकरम हैदराबाद का मूल निवासी था।
हालांकि पुलिस ने साफ कहा कि इस घटना का भारत या तेलंगाना से कोई सीधा संबंध नहीं है।
सिडनी आतंकी हमला: हैदराबाद में जन्म, ऑस्ट्रेलिया में जीवन
साजिद अकरम का जन्म हैदराबाद में हुआ था। उसने यहीं से B.Com की पढ़ाई पूरी की।
वर्ष 1998 में नौकरी और बेहतर भविष्य की तलाश में वह ऑस्ट्रेलिया चला गया।
उस समय तक साजिद के खिलाफ भारत में किसी भी तरह का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।
ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद उसने वहीं स्थायी रूप से बसने का फैसला किया और एक सामान्य प्रवासी जीवन जीता रहा।
शादी और परिवार
ऑस्ट्रेलिया में साजिद ने यूरोपीय मूल की महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी की। इस दंपति के दो बच्चे हैं, 24 वर्षीय बेटा नवेद अकरम और एक बेटी।
दोनों बच्चों का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ, इसलिए वे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं। साजिद खुद अब भी भारतीय पासपोर्ट धारक था।
परिवार और पड़ोसियों के अनुसार, वह लंबे समय तक एक सामान्य पारिवारिक व्यक्ति के रूप में जाना जाता था।
भारत से कमजोर होते रिश्ते
पुलिस जांच में सामने आया है कि पिछले 27 वर्षों में साजिद सिर्फ छह बार ही भारत आया।
इन यात्राओं का उद्देश्य अपने बुजुर्ग माता-पिता से मिलना और पैतृक संपत्ति से जुड़े मामलों को सुलझाना था।
समय के साथ उसका हैदराबाद स्थित परिवार से संपर्क लगभग खत्म हो गया।
यहां तक कि पिता के निधन के समय भी वह भारत नहीं लौटा, जिससे परिवार के साथ दूरी और बढ़ गई।
टोली चौकी का पैतृक घर
हैदराबाद के टोली चौकी इलाके की अल हसनथ कॉलोनी में साजिद का पैतृक घर स्थित है।
उसके बड़े भाई डॉ. शाहिद अकरम ने वर्ष 2022 में संपत्ति विवाद निपटाने के बाद इस घर की जिम्मेदारी संभाली थी।
ऑस्ट्रेलिया में हुई गोलीबारी की खबर सामने आते ही, शाहिद ने मीडिया और पुलिस की संभावित पूछताछ से बचने के लिए घर पर ताला लगा दिया।
फिलहाल कहीं और चले गए। बीते कुछ दिनों से यह घर पूरी तरह खाली पड़ा है।
परिवार को नहीं थी कट्टरता की जानकारी
साजिद के परिजनों ने तेलंगाना पुलिस को बताया कि उन्हें उसकी किसी भी तरह की कट्टर सोच या संदिग्ध गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी।
परिवार का कहना है कि वे यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि साजिद और उसका बेटा नवेद कब और कैसे कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित हुए।
साजिद के पिता पहले UAE मिलिट्री में कार्यरत थे, लेकिन परिवार में किसी का भी उग्र संगठनों से जुड़ाव सामने नहीं आया है।
बॉन्डी बीच पर क्या हुआ था
14 दिसंबर को हनुक्का उत्सव के दौरान साजिद और नवेद ने अचानक भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी।
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इसे ISIS विचारधारा से प्रेरित आतंकी हमला बताया है।
मुठभेड़ में साजिद मारा गया, जबकि नवेद गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती है।
उनकी गाड़ी से IED और ISIS के झंडे भी बरामद हुए हैं, जिससे हमले की गंभीरता और इरादों का अंदाजा लगाया जा रहा है।
भारत से कोई आतंकी लिंक नहीं
तेलंगाना पुलिस ने दो टूक कहा है कि साजिद और नवेद की कट्टरता का भारत या तेलंगाना से कोई संबंध नहीं है।
जांच पूरी तरह ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियों के हाथ में है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहें न फैलाएं और इस संवेदनशील मामले में संयम बरतें।
यह घटना हैदराबाद में बसे साजिद के परिवार के लिए भी एक गहरा और अप्रत्याशित सदमा बनकर सामने आई है।

