दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन लेवल ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। जिसकी चलते राज्य के सभी स्कूल को बंद कर दिया गया है। अब वकीलों ने भी ‘खतरनाक’ वायु प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट से सभी अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई की इजाजत देने की गुहार लगाई।
दिल्ली-एनसीआर में अचनाक बढ़े पॉल्यूशन के लेवल ने जीना दुभर कर दिया है। मंगलवार तो दिल्ली का ओवरऑल AQI 498 तक पहुंच गया।इस ‘बेहद गंभीर’ समस्या के चलते लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर गहरी नाराज़गी जताई है। कोर्ट का कहना है की जब शहर में एयर क्वालिटी इतनी ख़राब थी तो उन्होंने ग्रेप 3 और ग्रेप 4 को लागु करने में इतनी देर क्यों लगायी ?
10वी- 12वी की सभी कक्षाएं ऑनलाइन
इसके बाद जस्टिस ओका ने पूछा की सरकार ने प्रदुषण रोकने के लिए क्या कदम उठाये है। इस पर दिल्ली सरकार की वकील ज्योति मेहंदीरत्ता ने बताया की 10वी और 12वी के अलावा सारी कक्षाएं ऑनलाइन कर दी गयी है और क्लास 5 तक की पढाई बंद है। इस बयां को सुनते ही जस्टिस ओका ने गुस्सा दिखाते हुए कहा की यह क्या मज़ाक है ? क्या इन कक्षाओं के छात्रों के फेफड़े अलग है ? इनकी भी फिजिकल क्लासेस बंद कराई जाये और ऑनलाइन पढाई कराई जाये।
इसके बाद कोर्ट ने कहा की अगर AQI 300 से निचे आ भी जाता है तो भी, अदालत की अनुमति के बिना ग्रेप 4 को हटाया नहीं जायेगा। इसपर वकील ज्योति ने कहा की यूपी और हरयाणा, में तो अब तक स्कूल खुले है। इस बात का जवाब देते हुए यूपी सरकार की वकील गरिमा प्रसाद ने कहा की ग्रेप 4 पहले ही लागु कर दिया गया है और 12 तक के सभी स्कूल 19 नवंबर से बंद कर दिए गए है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर 100 विमान देरी से उड़े, 15 डायवर्ट
दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रदूषण के कारण छई धुंध से करीब 100 उड़ानों में देरी हुई। 15 उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा और 7 कैसाल की गई। अधिकांश उड़ानों को जयपुर और कुछ को देहरादून डायवर्ट किया गया। एयरइंडिया, स्पाइसजेट, इंडिगी जैसी एयरलाइन ने सोतल मीडिया के जरिए यात्रियों को बताया कि प्रदूषण के उच्च स्तर से जूझ रही दिल्ली में निम्न दुश्यता के कारण उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं।
वकीलों ने भी खटखटाया सीजेआई का दरवाजा
जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट व अन्य अदालतों के वकील भी काफी परेशान हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल सहित वकीलों ने सीजेआई संजीव खन्ना का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने सीजेआई से गुहार लगाई कि प्रदूषण बेलगाम हो चुका है, ऐसे में जहां तक संभव हो, अदालतें डिजिटल सुनवाई की इजाजत दें। सीजेआई ने कहा कि जजों को ऐसा निर्देश दिया जा चुका है।