Superstition: भूत-प्रेत और आत्माओं को लेकर आज भी लोगों में गहरा विश्वास देखने को मिलता है। कुछ लोग इसे सिर्फ़ अंधविश्वास मानते हैं, तो कुछ इसे पीढ़ियों से चली आ रही सच्चाई।
दिलचस्प बात यह है कि आत्माओं और अलौकिक शक्तियों की धारणा केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया की कई सभ्यताओं और संस्कृतियों में भी इसे मान्यता मिली हुई है।
Superstition: हिंदू संस्कृति में पेड़-पौधों को हमेशा से देवी-देवताओं के समान स्थान दिया गया है। पीपल, बरगद और तुलसी जैसे वृक्षों की पूजा आज भी हर घर और मंदिर में की जाती है।
इन वृक्षों को पवित्र और शुभ माना जाता है, लेकिन लोक मान्यताओं में इनके साथ भूत-प्रेत और आत्माओं की कहानियां भी जुड़ी हैं। खासकर रात के समय इनके पास जाने से लोग डरते हैं। आइए जानते हैं इन प्रमुख वृक्षों से जुड़ी मान्यताओं के बारे में।
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Superstition: पीपल का पेड़
पीपल को वृक्षों का राजा कहा गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी त्रिदेवों का वास माना जाता है। इसी कारण इसकी पूजा और परिक्रमा का महत्व है। बुद्ध धर्म में इसे ‘बोधि वृक्ष’ भी कहा गया है।
Superstition: लेकिन इसके साथ एक लोक विश्वास यह भी जुड़ा है कि इसमें पितरों और आत्माओं का निवास होता है, इसलिए रात में इसके पास जाने की मनाही है।
बरगद का पेड़
Superstition: बरगद यानी वट वृक्ष भी उतना ही पवित्र माना गया है। हिंदू धर्म में इसे लंबी उम्र और स्थिरता का प्रतीक बताया गया है।
लेकिन लोक कथाओं में यह भी कहा जाता है कि रात के समय बरगद के पास भूत-प्रेत रहते हैं। संभवतः इसकी वजह यह है कि बरगद अक्सर निर्जन और सुनसान जगहों पर पाया जाता है, जहाँ रात में जाना स्वाभाविक रूप से असुरक्षित होता है।
इमली का पेड़
Superstition: इमली के पेड़ को लेकर भी डर की धारणा बहुत प्रचलित है। बुजुर्गों का मानना है कि इसमें भूतों का वास होता है, इसलिए इसे घर या आंगन में नहीं लगाना चाहिए। वास्तु शास्त्र में भी इमली को नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा गया है।
कपास का पेड़
कपास के पेड़ से मिलने वाली रुई हमारे जीवन में अहम है, लेकिन मान्यता है कि जब यह वृक्ष बूढ़ा हो जाता है तो इसमें आत्माओं का डेरा जम जाता है। इसी कारण रात के समय इसके पास अकेले रुकने से मना किया जाता है।
क्या पेड़ों पर सचमुच भूत-प्रेत होते हैं?
Superstition: इन सभी मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार देखने की कोशिश करें तो पता चलता है कि रात में पेड़ों के पास जाने से लोगों को अक्सर बेचैनी या घबराहट महसूस होती है।
इसका कारण यह है कि पेड़ दिन में ऑक्सीजन छोड़ते हैं, लेकिन रात के समय कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जित करते हैं।
पीपल, बरगद और इमली जैसे बड़े और घने वृक्ष रात में अधिक मात्रा में गैस छोड़ते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
प्राचीन समय में जब विज्ञान इतना विकसित नहीं था, तो इन अनुभवों को भूत-प्रेत की मौजूदगी से जोड़ दिया गया।
इस तरह यह साफ है कि पेड़ों से जुड़ी भूत-प्रेत की कहानियां लोक मान्यताओं और सामाजिक सतर्कता का हिस्सा ज़्यादा हैं, न कि कोई प्रमाणित वास्तविकता।