क्वेटा में फिदायीन हमला: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में आज एक बड़ा फिदायीन धमाका हुआ।
यह ब्लास्ट भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर फ्रंटियर कॉप्स (FC) के हेडक्वार्टर के पास हुआ।
धमाके में पैरामिलिट्री के 3 जवान समेत 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 लोग घायल हुए हैं।
अभी तक पाकिस्तानी सेना या बलूचिस्तान सरकार ने इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। इसके अलावा किसी विद्रोही गुट ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
Table of Contents
क्वेटा में फिदायीन हमला: धमाके का असर
पुलिस के अनुसार, जरघून रोड के पास हुआ यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आस-पास की इमारतों की खिड़कियां और दरवाज़े टूट गए।
तुरंत पुलिस और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे और इलाके की घेराबंदी कर दी। फ्रंटियर कॉप्स के जवान भी तत्काल मौके पर मौजूद रहे।
अस्पतालों में आपातकाल
बलूचिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री बख्त मुहम्मद काकर ने सभी अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया।
उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों, फार्मासिस्टों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य एक्सपर्ट्स को तुरंत ड्यूटी पर आने का निर्देश दिया। प्रशासन ने धमाके की सभी संभावित वजहों की जांच शुरू कर दी है।
सीसीटीवी फुटेज में खुलासे
घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि एक हमलावर फ्रंटियर कॉप्स के हेडक्वार्टर के सामने चलते वाहनों के बीच खुद को उड़ा लेता है।
फुटेज में दिख रहा है कि फिदायीन हमलावरों के साथी हेडक्वार्टर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
इसके बाद फ्रंटियर कॉप्स और बंदूकधारी हमलावरों के बीच गोलीबारी होती है, जिसमें चार हमलावर मारे गए।
बलूच विद्रोही और आतंकवादी गुट
बलूचिस्तान में बलूच विद्रोही गुटों के अलावा इस्लामिक स्टेट खुरासान का भी प्रभाव बढ़ा है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस हमले की जिम्मेदारी किस गुट ने ली, लेकिन यह हमला क्षेत्र में बढ़ते आतंकवाद और सुरक्षा खतरों की चिंता को बढ़ाता है।
पाकिस्तान की सुरक्षा पर सवाल
क्वेटा में हुआ यह धमाका पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति भवन में पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका को बलूचिस्तान में खनिज संसाधनों के सैंपल दिखाए थे।
माना जा रहा था कि अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर यहां खनिज निकालेंगे। आज हुए हमले ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं,
बल्कि पाकिस्तान की सेना पर भी गंभीर चुनौती खड़ी की है, जो लगातार बलूचिस्तान में ऑपरेशन कर रही है।