सुहास शेट्टी, बजरंग दल के नेता थे और 2022 में आतंकवादी फाजिल के मर्डर के मुख्य आरोपी थे, उनकी 1 मई, 2025 को मैंगलोर में हत्या कर दी गई। हमला रात 8:30 बजे किन्नीपदावु क्रॉस पर हुआ, जिसमें 6 हमलावरों ने तलवारों और बंदूकों का इस्तेमाल किया।
पुलिस ने 8 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच एंटी-कम्युनल टास्क फोर्स को सौंपी गई है। हत्या के बाद शहर में तनाव बढ़ा, जिसके कारण 2 से 6 मई तक कर्फ्यू लागू किया गया। मामले में राजनीतिक और सामाजिक विवाद है, जिसमें भाजपा ने सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
सुहास शेट्टी पर 1 मई, 2025 को रात 8:30 बजे हमला हुआ, जब वे अपने 5 साथियों के साथ किन्नीपदावु क्रॉस पर थे। हमलावरों ने तलवारों और बंदूकों से हमला किया, और सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया कि उन्होंने सड़क पर पड़े शेट्टी पर कई बार वार किए। उन्हें तुरंत एजे अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
जिहादियों ने किया था हमला
पुलिस ने हत्याकांड से जुड़े 8 संदिग्धों—अब्दुल सफवान, नियाज, मोहम्मद मुजमिल, कलंदर शफी, आदिल मेहरूफ, नागराज, रंजीत और रिजवान—को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच एंटी-कम्युनल टास्क फोर्स को सौंपी गई है, और कई टीमें राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता सहित विभिन्न कोणों से जांच कर रही हैं। तनाव को देखते हुए 2 से 6 मई तक कर्फ्यू लागू किया गया, और पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।
कांग्रेस सरकार में हिन्दू असुरक्षित
हत्या ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। भाजपा ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है और एनआईए जांच की मांग की है। हिंदू संगठनों, विशेष रूप से बजरंग दल, ने शहरव्यापी बंद का आह्वान किया है, और कुछ असामाजिक तत्वों ने बसों पर पथराव की कोशिश की है।
कर्नाटक के मैंगलोर शहर में 1 मई, 2025 को एक सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया, जब बजरंग दल के नेता और 2022 के आतंकी फाजिल हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुहास शेट्टी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना राजनीतिक और सामाजिक तनाव को बढ़ाने वाली एक बड़ी घटना साबित हुई है। नीचे दी गई तालिका में मुख्य बिंदुओं का सारांश दिया गया है:
विवरण | जानकारी |
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शिकार | सुहास शेट्टी, बजरंग दल नेता, 2022 फाजिल हत्याकांड का मुख्य आरोपी |
स्थान | मैंगलोर, कर्नाटक, किन्नीपदावु क्रॉस |
हत्या की तारीख और समय | 1 मई, 2025, रात 8:30 बजे |
हमले का तरीका | 6 हमलावरों ने तलवारों और बंदूकों से हमला किया, स्विफ्ट कार और पिकअप ट्रक में आए |
साथी | संजय, प्रज्वल, अन्वित, लतीश, शशांक (5 साथी) |
अस्पताल | एजे अस्पताल, जहां सुहास को मृत घोषित किया गया |
गिरफ्तारियां | 8 लोग: अब्दुल सफवान, नियाज, मोहम्मद मुजमिल, कलंदर शफी, आदिल मेहरूफ, नागराज, रंजीत, रिजवान |
कर्फ्यू | 2 मई से 6 मई तक मैंगलोर शहर में लागू |
जांच प्राधिकरण | एंटी-कम्युनल टास्क फोर्स (गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर द्वारा घोषित) |
राजनीतिक मांगें | भाजपा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच की मांग की |
प्रदर्शन | मैंगलोर शहर में विरोध प्रदर्शन, कुछ बसों पर पथराव की कोशिश |
शिकार का आपराधिक पृष्ठभूमि | सुहास के खिलाफ 5 आपराधिक मामले (1 दक्षिण कन्नड़, 4 मैंगलोर शहर में) |
भाजपा का बयान | कानून-व्यवस्था विफल, सरकार असामाजिक और जिहादी ताकतों का समर्थन कर रही |
सीसीटीवी फुटेज | हमले को कैद किया, हमलावरों को सड़क पर शेट्टी पर वार करते दिखाया |
सुहास शेट्टी बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों से लंबे समय से जुड़े हुए नेता थे, और उनकी पहचान 2022 के आतंकी फाजिल हत्याकांड के मुख्य आरोपी के रूप में थी। फाजिल स्वयं हिंदू कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारु की हत्या का आरोपी था, जिनकी हत्या जुलाई 2022 में सूरतकल में हुई थी। शेट्टी उस समय जमानत पर बाहर थे और उनके खिलाफ दक्षिण कन्नड़ जिले में एक और मैंगलोर शहर में चार कुल पांच आपराधिक मामले दर्ज थे।
हत्या के बाद शहर में तनाव बढ़ गया, जिसके कारण प्रशासन ने 2 मई से 6 मई, 2025 तक कर्फ्यू लागू कर दिया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हत्याकांड से जुड़े आठ संदिग्धों को गिरफ्तार किया: अब्दुल सफवान, नियाज, मोहम्मद मुजमिल, कलंदर शफी, आदिल मेहरूफ, नागराज, रंजीत और रिजवान। मामले की जांच एंटी-कम्युनल टास्क फोर्स को सौंपी गई है, जैसा कि गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने घोषित किया है। पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता सहित विभिन्न कोणों से जांच कर रही है। सुरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिस गश्त भी बढ़ा दी गई है।
कर्नाटक में राजनीतिक भूचाल
हत्या ने राजनीतिक और सामाजिक तनाव को और बढ़ा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक भारत शेट्टी ने कहा कि सरकार असामाजिक और जिहादी ताकतों का समर्थन कर रही है और इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जानी चाहिए। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस अंदरूनी स्थानांतरण और निलंबन पर ध्यान केंद्रित कर रही है, बजाय सुरक्षा सुनिश्चित करने के।
दूसरी ओर, हिंदू संगठनों, विशेष रूप से बजरंग दल, ने इस हत्या की निंदा की है और न्याय की मांग की है। बजरंग दल ने शहरव्यापी बंद का आह्वान किया है, और कुछ असामाजिक तत्वों ने बसों पर पथराव करने की कोशिश की है, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि वह किसी भी उकसावे वाले बयान देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली या राजनीतिक रूप से प्रभावशाली क्यों न हो।