भारतीय वायुसेना: भारत अपनी मारक शक्ति को और मजबूत करने के लिए रूस से उसके Su-57E स्टील्थ फाइटर जेट को लेकर बातचीत कर रहा है।
अगर यह फाइटर जेट भारत आया तो हमारा डिफेंस सिस्टम दक्षिण एशिया का सबसे स्ट्रॉन्ग सिस्टम बन सकता है, जिसकी वजह से पाकिस्तानी वायुसेना और अन्य दुश्मनों के लिए कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
Table of Contents
भारतीय वायुसेना: S-400 भारत का अटूट रक्षा कवच
भारतीय वायुसेना: भारत ने अक्टूबर 2015 में रूस से 5 S-400 ट्रायम्फ सिस्टम खरीदे थे, जिनमें से अभी तक तीन तैनात हो चुके हैं। यह सिस्टम 400 किलोमीटर की दूरी तक हवाई हमलों को रोक सकता है।
इस सिस्टम की खासियत है कि यह किसी भी विमान, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल को आसानी से ट्रैक और नष्ट कर सकता है।
यह डिफेंस सिस्टम 600 किमी तक दुश्मन के विमान और मिसाइल को देख सकता है और 400 किमी की दूरी तक नष्ट कर सकता है। यह एक साथ 300 टारगेट ट्रैक कर 36 को नष्ट कर सकता है।
इसे बिना किसी परेशानी के एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है, यही कारण है कि इसे आसानी से निशाना नहीं बनाया जा सकता।
भारत ने अपने इस डिफेंस सिस्टम को चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किया है, जैसे गुजरात, पंजाब और राजस्थान में।
यह पाकिस्तान के JF-17, F-16 और उनके नए J-10CE विमानों को भारतीय सीमा में घुसने से पहले ही ट्रैक कर नष्ट कर देगा।
भारत में इस सिस्टम S-400 को भगवान विष्णु के “सुदर्शन चक्र” का नाम इसके तेज़ और सटीक निशाने की वजह से दिया गया है।
Su-57E होगा भारत का मज़बूत स्टील्थ हथियार
भारतीय वायुसेना: Su-57E रूस का पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे भारत खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। यह जेट भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर हथियार हो सकता है।
इसका रडार क्रॉस-सेक्शन कम होने की वजह से दुश्मन का रडार इसे आसानी से नहीं पकड़ सकता। यह हवा से जमीन और हवा से हवा पर हमला करने वाली मिसाइलें आसानी से ले जा सकता है।
यह जेट तेज़ और चुस्त होने की वजह से युद्ध में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। Su-57E दुश्मन के इलाके में घुसकर बिना दिखे हमला कर सकता है।
यह दुश्मनों के रडार और डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में पूरी तरह सक्षम है। इसके सेंसर और नेटवर्क-सेंट्रिक सिस्टम भारतीय वायुसेना के अन्य हथियारों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
S-400 और Su-57 होंगे डिफेंस की बेजोड़ ताकत
भारतीय वायुसेना: S-400 भारतीय आसमान को दुश्मनों के मिसाइल, ड्रोन और विमान से सुरक्षित रखता है। यह दुश्मन के विमानों को भारतीय सीमा के पास आने से पहले ही नष्ट कर सकता है।
इसकी लंबी रेंज के कारण पाकिस्तान के कई एयरबेस इसके निशाने पर हैं। सरगोधा और कामरा बेस से उड़ान भरते ही पाकिस्तानी वायुसेना के विमान आसानी से पकड़े जा सकते हैं।
Su-57E के स्टील्थ होने से पाकिस्तान के रडार से बचकर उनके इलाके में आसानी से घुसा जा सकता है। यह पाकिस्तानी वायुसेना के बेस, विमान या किसी भी अन्य टारगेट पर सटीक हमला कर सकता है।
इसके हथियार काफी लंबी दूरी तक अटैक कर सकते हैं, जिसकी वजह से दुश्मन को जवाब देने से पहले भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पाकिस्तानी वायुसेना हमेशा अपने J-10CE और JF-17 विमानों की संख्या बढ़ाकर भारतीय वायुसेना की तकनीकी बढ़त को कम करने का प्रयास करती है।
लेकिन S-400 की लंबी रेंज और Su-57E की स्टील्थ क्षमता के सामने उनकी सभी रणनीतियाँ आसानी से विफल हो सकती हैं। पाकिस्तानी वायुसेना के विमान न तो भारत में घुस पाएंगे और न ही अपने बेस पर सुरक्षित रह पाएंगे।
युद्ध में टेक्नोलॉजी के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी ज़रूरी होता है। S-400 और Su-57E की मौजूदगी से पाकिस्तानी वायुसेना का आत्मविश्वास भी कमज़ोर हो सकता है।
Su-57E फाइटर जेट बिना किसी की नज़र में आए आसानी से उनके बेस पर हमला कर उनकी सारी रणनीति को नाकाम कर सकता है।
भारतीय वायुसेना अभी अपनी लेयर्ड डिफेंस स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है। S-400 के साथ-साथ भारत के पास आकाश, बराक-8 और स्पाइडर जैसे मज़बूत सिस्टम भी हैं। लेकिन Su-57E के आने से भारतीय वायुसेना को स्टील्थ हमले की ताकत मिलेगी।
इस वजह से भारत की स्वदेशी “नेत्रा” और अन्य एयर डिफेंस सिस्टम, S-400 और Su-57E के साथ मिलकर एक मज़बूत नेटवर्क बनाएंगे, जो आसानी से दुश्मन के हमले को रोककर उन पर जवाबी हमला कर सकता है।