Wednesday, October 29, 2025

दक्षिण कोरिया में ट्रंप-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: टैरिफ वॉर और तेल व्यापार पर होगी निर्णायक बातचीत

दक्षिण कोरिया में ट्रंप-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: अमेरिका और चीन के बीच महीनों से चल रहे ट्रेड टेंशन के बीच अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुख — अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग — आखिरकार आमने-सामने बैठने जा रहे हैं।

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दोनों नेताओं की मुलाकात दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में गुरुवार (29 अक्टूबर 2025) को होगी, जो एशिया पैसिफिक इकोनॉमिक कॉरपोरेशन (APEC) समिट के इतर रखी गई है।

दक्षिण कोरिया में ट्रंप-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: टैरिफ की तलवार के बीच कूटनीतिक बातचीत

यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने चीन को चेतावनी दी है कि यदि व्यापार में असंतुलन और निर्यात प्रतिबंध जारी रहे, तो 1 नवंबर 2025 से चीनी सामानों पर 100 फीसदी टैरिफ लगा दिया जाएगा।

इस कदम ने वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है। अब सबकी निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं कि क्या दोनों देश किसी ट्रेड ट्रूस (Trade Truce) यानी अस्थायी समझौते की दिशा में बढ़ेंगे।

चीन ने दी बैठक की पुष्टि, पर व्यापार समझौते पर चुप्पी

दक्षिण कोरिया में ट्रंप-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को पुष्टि की कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुसान में ट्रंप से मुलाकात करेंगे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि दोनों नेता “रणनीतिक और आर्थिक मुद्दों” पर चर्चा करेंगे, हालांकि उन्होंने व्यापार समझौते का नाम लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया।

कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, चर्चा का दायरा टैरिफ, तेल खरीद, और रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात नियंत्रण जैसे संवेदनशील विषयों तक फैला रहेगा।

ट्रेड डील के फ्रेमवर्क पर बनी प्रारंभिक सहमति

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने पहले ही संकेत दे दिया था कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील का फ्रेमवर्क तैयार हो चुका है। उन्होंने कहा था कि यह समझौता चीन को 100% टैरिफ से राहत दिला सकता है और अमेरिकी निर्यातकों को भी बाजार में दोबारा प्रतिस्पर्धी बना सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव में रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात में ढील, अमेरिकी कृषि उत्पादों की खरीद बढ़ाने, और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के नए प्रोटोकॉल पर चर्चा हो सकती है।

दक्षिण कोरिया में ट्रंप-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: क्यों भड़के ट्रंप चीन पर?

तनाव की जड़ चीन का हालिया कदम था, जिसमें उसने हाई-टेक इंडस्ट्री के लिए जरूरी रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर सख्ती बढ़ा दी। इसके जवाब में ट्रंप प्रशासन ने 100% टैरिफ की धमकी दी।

साथ ही, चीन द्वारा अमेरिका से सोयाबीन की खरीद बंद करना भी अमेरिकी किसानों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ। ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि “चीन के ये कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर सीधा हमला हैं।”

वैश्विक निवेशकों की निगाहें बुसान पर

दक्षिण कोरिया में ट्रंप-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: दक्षिण कोरिया में होने वाली यह बैठक केवल अमेरिका और चीन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अहम मानी जा रही है। निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि दोनों देशों के बीच अगर समझौते की दिशा में कदम बढ़े, तो ग्लोबल मार्केट में स्थिरता लौट सकती है। हालांकि यह भी साफ है कि बातचीत का माहौल अभी भी सशंकित और सतर्क रहेगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच भरोसे की खाई अभी पूरी तरह पटी नहीं है।

दुनिया अब बुसान की ओर देख रही है — जहां यह तय होगा कि 2025 की सबसे बड़ी आर्थिक भिड़ंत बातचीत से सुलझेगी या एक नई ट्रेड वॉर की शुरुआत होगी

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