Thursday, September 19, 2024

Namibia में बिगड़े हालात, हाथी समेत 700 जानवरों का किया जाएगा शिकार

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Namibia: नामीबिया में भूखमरी जैसे हालात हो गए है। यह सूखा 100 सालों में सबसे बड़ा बताया जा रहा है। हालात ये हो गए है कि यहां के लोग भूखमरी का शिकार हो गए है और इससे निपटने के लिए सरकार ने 700 जंगली जानवरों जिनमें 70 हाथी, 300 ज़ेब्रा, 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंस, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, और 100 एलैंड शामिल हैं। को मारने का आदेश दे दिया है। इन जानवरों का मांस वहां की जनता में बांटा जाएगा जिससे उनकी जान बचाई जा सकें।

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Namibia में भूखमरी जैसे हालात

वैज्ञानिकों का कहना है कि अल नीनो जलवायु पैटर्न और मानव-जनित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। दक्षिणी अफ्रीकी देश नामीबिया में बारिश की कमी और अत्यधिक गर्मी ने देश की कृषि व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। सूखा होने के कारण फसले नष्ट हो गई है। पानी के संसाधनों के सूख जाने की वजह से लाखों लोगों के लिए भूखमरी जैसे हालात हो गए है।

84% खाद्य संसाधन समाप्त

सरकार के इस निर्णय के पीछे का सबसे बड़ा कारण खाद्य संकट है, जो सूखे के कारण उत्पन्न हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार, दक्षिणी अफ्रीका के अधिकांश हिस्से में 30 मिलियन से अधिक लोग इस सूखे से प्रभावित हैं। नामीबिया में, 84% खाद्य संसाधन पहले ही समाप्त हो चुके हैं और सरकार के पास नागरिकों को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन तक नहीं है। इस लिए सरकार ने जंगली जानवरों को मारकर उनके मांस को वितरित करने का निर्णय लिया है। इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरणविदों और पशु अधिकार संगठनों के बीच बहस छेड़ दी है। एक तरफ, यह माना जा रहा है कि यह कदम लोगों की जान बचाने के लिए उठाया जा रहा है।

157 जानवरों का हो चुका है शिकार

बता दें कि नामीबिया एक अर्ध-रेगिस्तानी देश है, जहां पानी की कमी और मौसम सामान्य रहता है, लेकिन कुछ सालों से जलवायु परिवर्तन के कारण यहां पर सूखा पड़ने लगा है। इस देश की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, लेकिन सूखे के कारण फसल उत्पादन में भारी गिरावट आई है। सरकार के इस निर्णय से पता चलता है कि यहां की स्थिति बद से बदतर हो गई है। सरकार ने बताया कि यह जानवर राष्ट्रीय उद्यानों और सामुदायिक क्षेत्रों से लिए जा रहे हैं, जहां उनकी संख्या पर्याप्त है। शिकार के लिए पेशेवर शिकारियों को नियुक्त किया गया है और कुछ कंपनियों को ठेका दिया गया है। अब तक 157 जानवरों का शिकार हो चुका है, जिससे 56,800 किलो से अधिक मांस प्राप्त हुआ है।

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