SHRI SREEJESH P. R: श्री श्रीजेश पी.आर., भारत के सबसे महान हॉकी गोलकीपरों में से एक हैं, जिन्होंने अपने शानदार करियर में असाधारण उपलब्धियों से देश को गर्वित किया है।
दोहरे ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और तीन बार के एफआईएच ‘गोलकीपर ऑफ द ईयर’, श्रीजेश को पद्म भूषण जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया जाना चाहिए।
किसान परिवार से हॉकी के मैदान तक का सफर
SHRI SREEJESH P. R: 8 मई 1988 को केरल के एर्नाकुलम जिले के किझाक्कमबलम गांव में एक किसान परिवार में जन्मे श्रीजेश का सफर अत्यंत प्रेरणादायक रहा है।
उन्होंने मात्र 12 वर्ष की उम्र में हॉकी की शुरुआत की जब वे तिरुवनंतपुरम स्थित जीवी राजा स्पोर्ट्स स्कूल में दाखिल हुए। यहीं से उनकी खेल यात्रा ने एक नई दिशा पकड़ी और उन्होंने नेहरू कप के जरिए राष्ट्रीय मंच पर पहला कदम रखा।
SHRI SREEJESH P. R: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय करियर की नींव
श्रीजेश ने 2004 में जूनियर राष्ट्रीय टीम और 2006 में सीनियर टीम के लिए पदार्पण किया। 2008 के जूनियर एशिया कप में उन्होंने न केवल भारत को खिताब दिलाया बल्कि ‘टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर’ का खिताब भी जीता। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और भारतीय हॉकी का अभिन्न अंग बन गए।
SHRI SREEJESH P. R: हर मंच पर शानदार उपस्थिति
श्रीजेश ने भारत के लिए चार ओलंपिक खेलों (2012, 2016, 2020, 2024), चार विश्व कप (2010, 2014, 2018, 2023), तीन राष्ट्रमंडल खेल (2014, 2018, 2022) और तीन एशियाई खेल (2014, 2018, 2022) में भाग लिया। हर टूर्नामेंट में उनकी गोलकीपिंग भारत की ताकत रही, और कई बार उन्होंने अकेले दम पर मैच का रुख पलटा।
टोक्यो और पेरिस: ओलंपिक कांस्य के ऐतिहासिक क्षण
SHRI SREEJESH P. R: रियो 2016 में श्रीजेश की कप्तानी में भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची, लेकिन टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 में उन्होंने भारत को दो ओलंपिक कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
इन दो ऐतिहासिक पदकों में उनकी चपलता और दृढ़ता निर्णायक सिद्ध हुई। इसी कारण उन्हें ‘The Wall of Indian Hockey’ कहा जाता है।
सुनहरे पदकों से सजे पल
श्रीजेश की उपलब्धियों की सूची लंबी है:
2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक
2018 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में संयुक्त खिताब
2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल में स्वर्ण पदक
2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक
उनकी उपस्थिति हमेशा भारतीय टीम के आत्मविश्वास का केंद्र रही।
सम्मान और पुरस्कार: एक लंबा सिलसिला
श्रीजेश को उनकी सेवाओं और प्रदर्शन के लिए कई सम्मान मिले हैं:
2015 – अर्जुन पुरस्कार
2017 – पद्म श्री
2021 – मेजर ध्यानचंद खेल रत्न
2021, 2022, 2024 – एफआईएच गोलकीपर ऑफ द ईयर
2024 – वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर
इन सबके बीच सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि वे एफआईएच ‘गोलकीपर ऑफ द ईयर’ तीन बार जीतने वाले दुनिया के इकलौते हॉकी गोलकीपर हैं।
अब कोच के रूप में नई भूमिका
SHRI SREEJESH P. R: अपने सक्रिय खेल करियर के बाद श्रीजेश अब भारतीय जूनियर हॉकी टीम के मुख्य कोच के रूप में कार्यरत हैं। वे युवा खिलाड़ियों में वही जज़्बा और अनुशासन भरने का कार्य कर रहे हैं, जिसने उन्हें विश्व स्तर पर उत्कृष्ट बनाया।
पद्म भूषण: अगला स्वाभाविक कदम
श्री श्रीजेश पी.आर. ने भारतीय हॉकी को वैश्विक मंच पर पुनः स्थापित किया है। उनका जीवन, संघर्ष और सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है। वह न केवल एक महान खिलाड़ी हैं, बल्कि एक राष्ट्र निर्माता भी हैं। ऐसे में पद्म भूषण से उन्हें सम्मानित किया जाना सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि भारत के खेल इतिहास के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति होगी।