Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना एक बार फिर सुर्खियों में हैं। एक लीक ऑडियो रिकॉर्डिंग में हसीना को छात्रों के खिलाफ जानलेवा कार्रवाई का आदेश देते हुए सुना जा सकता है।
वह कहती हैं, “जहां कहीं भी मिलें, उन्हें गोली मार दी जाएगी।” यह बयान उस समय का है जब पिछले वर्ष देशभर में छात्र सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ सड़क पर उतरे थे।
Sheikh Hasina: छात्र आंदोलन से सुलगी बगावत की आग
यह आंदोलन शुरुआत में सिर्फ सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम के खिलाफ था, लेकिन कुछ ही दिनों में यह उग्र जनविद्रोह में बदल गया। देशभर में हुए प्रदर्शनों ने सरकार की नींव हिला दी। हालात इतने बिगड़े कि शेख हसीना को आखिरकार सत्ता छोड़नी पड़ी।
संयुक्त राष्ट्र की एक जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस दमन के दौरान करीब 1,400 लोगों की जान गई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद देश की सबसे भयानक राजनीतिक हिंसा थी।
52 निर्दोषों की मौत
5 अगस्त को राजधानी ढाका के जत्राबाड़ी इलाके में सेना हटने के बाद जो कुछ हुआ, वह पूरे देश को झकझोर गया। पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें नए सबूतों के अनुसार कम से कम 52 लोगों की मौत हुई।
यह आंकड़ा पहले की आधिकारिक रिपोर्ट्स से कहीं ज्यादा है। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे जनता का गुस्सा और भड़क उठा।
अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में हसीना पर केस
शेख हसीना के खिलाफ अब अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण (ICT) में मुकदमा चल रहा है। उन पर मानवता के खिलाफ अपराध, जनसंहार, उकसावे और साजिश के गंभीर आरोप हैं।
सत्ता छोड़ने से पहले वह भारत भाग गई थीं और अब ढाका ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की है। हालांकि भारत ने उन्हें अभी तक नहीं सौंपा है, और उनके लौटने की संभावना बेहद कम है।
फिलहाल बांग्लादेश का प्रशासन नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के हाथों में है, जो एक अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर आगामी चुनावों की तैयारी कर रहे हैं। ICT ने हसीना के अलावा 203 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है, जिनमें 73 गिरफ्तार किए जा चुके हैं।