Shashi Tharoor: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को राहत देते हुए मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इस मामले को लेकर उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में पेश होना था, लेकिन एक दिन पहले ही थरूर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था, जिसकी वजह से उन्हें हाईकोर्ट में मानहानि की कार्यवाही के लिए उपस्थित नहीं होना पड़ा।
Shashi Tharoor ने की टिप्पणी
बता दें कि शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर 29 अगस्त को ‘शिवलिंग पर बिच्छु’ की टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद कांग्रेस नेता पर मानहानि का केस दर्ज किया गया था। इसको लेकर थरूर दिल्ली हाईकोर्ट गए, लेकिन कोर्ट ने मानहानि का मामला रद्द करने से इनकार कर दिया था।
Shashi Tharoor पर मानहानी का केस
शशि थरूर के वकील ने कोर्ट में कहा कि शशि थरूर ने साल 2012 के कारवां मैगजीन के आर्टिकल का हवाला दिया था, जिसमें आरएसएस नेता ने पीएम मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छु से की थी। थरूर के वकील का कहना है कि उन्होंने पेपर में छपी खबर को दोहराया था। उन्होंने बताया कि साल 2018 में बैंगलोर लिटरेचर फेस्टविल में बोलते हुए शशि थरूर ने आरएसएस नेता की इस बात का जिक्र किया था।
शशि थरूर के वकील ने कोर्ट ने इस पर सवाल उठाए कि थरूर के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करने वाले बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने न तो कारवां मैग्जीन का जिक्र किया। वकील की इस दलील पर जस्टिस रॉय ने कहा कि यह तो एक रूपक (Metaphor) है, इस पर आपत्ति क्यों है। वकील ने कोर्ट में कहा कि इसका मतलब है- साथ भी नहीं रह सकते और अलग भी नहीं रह सकते। सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता बीजेपी नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी किया और चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है.