Russia: रूस की राजधानी मॉस्को के दक्षिणी इलाके में हुए एक कार बम धमाके ने पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस धमाके में रूस के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल फानिल सरवारोव की मौत हो गई।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि उनकी कार के नीचे पहले से विस्फोटक डिवाइस लगाई गई थी, जिसे सही समय पर विस्फोट कर उड़ा दिया गया।
धमाका इतना जबरदस्त था कि सरवारोव को बचने का कोई मौका नहीं मिला। घटना के बाद रूस की जांच समिति ने इसे सुनियोजित हत्या मानते हुए जांच शुरू कर दी है।
Russia: देश को कमजोर करने की कोशिश
जांच एजेंसियां इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि हमले के पीछे कौन लोग शामिल थे और क्या इसका सीधा संबंध यूक्रेन से है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद से इस तरह की घटनाओं को केवल आपराधिक हमला मानकर नहीं देखा जा रहा, बल्कि इन्हें युद्ध की एक नई रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।
रूसी अधिकारी मान रहे हैं कि यह हमला देश की सैन्य और रणनीतिक व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश हो सकता है।
आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाया
लेफ्टिनेंट जनरल फानिल सरवारोव रूस की सेना के बेहद अनुभवी अधिकारी थे। उनकी उम्र 56 साल थी और उन्होंने अपने लंबे सैन्य करियर में कई अहम जिम्मेदारियां निभाई थीं।
1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में उन्होंने दक्षिणी रूस में आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए अभियानों में हिस्सा लिया था।
इन अभियानों के दौरान उन्हें जमीनी स्तर पर लड़ाई और सुरक्षा चुनौतियों का गहरा अनुभव मिला।
साल 2016 में उन्हें रूस के जनरल स्टाफ के ट्रेनिंग डिपार्टमेंट का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
इस विभाग का काम वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को युद्ध रणनीति, अभ्यास और ऑपरेशनल तैयारियों की ट्रेनिंग देना होता है।
युद्ध के आधुनिक तरीकों और रणनीतियों को करीब से देखा
सरवारोव केवल कागजी अधिकारी नहीं थे, बल्कि उन्होंने सीरिया में रूस के सैन्य अभियान में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।
वहां उन्होंने युद्ध के आधुनिक तरीकों और रणनीतियों को करीब से देखा और समझा।
इसी वजह से उन्हें रूसी सेना में एक मजबूत और प्रभावशाली अधिकारी माना जाता था। उनकी मौत को रूसी सैन्य नेतृत्व के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब रूस के किसी बड़े सैन्य या रणनीतिक व्यक्ति को इस तरह निशाना बनाया गया हो।
इसी साल अप्रैल में रूसी जनरल स्टाफ के डिप्टी प्रमुख यारोस्लाव मोस्कालिक की भी मॉस्को के पास कार बम धमाके में मौत हो गई थी।
दिसंबर 2024 में रूस की रेडियोलॉजिकल, केमिकल और बायोलॉजिकल डिफेंस फोर्स के प्रमुख इगोर किरिलोव की मॉस्को में एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में हुए धमाके में जान चली गई थी।
उस हमले की जिम्मेदारी यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी एसबीयू ने ली थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था।
दुगिन की बेटी डारिया डुगिना की जान गई
इससे पहले अप्रैल 2023 में रूसी मिलिट्री ब्लॉगर मैक्सिम फोमिन की सेंट पीटर्सबर्ग के एक कैफे में धमाके से मौत हुई थी।
अगस्त 2022 में एक कार बम हमले में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी माने जाने वाले विचारक अलेक्जेंडर दुगिन की बेटी डारिया डुगिना की जान चली गई थी।
इन सभी घटनाओं ने यह दिखा दिया है कि रूस के अंदर हाई-प्रोफाइल लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
जनरल सरवारोव की हत्या से यह साफ हो गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब केवल सीमाओं पर नहीं लड़ा जा रहा, बल्कि इसका असर रूस के अंदर तक पहुंच चुका है।
इस तरह के हमले न सिर्फ डर का माहौल बनाते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि आने वाले समय में यह संघर्ष और ज्यादा जटिल और खतरनाक रूप ले सकता है।

