Saturday, November 1, 2025

पुरुषों का रोमांटिक मूड: रात के 12 बजते ही पुरुष क्यों हो जाते हैं रोमांटिक? जानिए हार्मोन्स, बॉडी क्लॉक और इमोशन्स के इस अनोखे साइंटिफिक कनेक्शन का रहस्य

पुरुषों का रोमांटिक मूड: दिनभर के कामकाज, जिम्मेदारियों और तनाव के बाद जब रात ढलने लगती है, तो शरीर और मन दोनों ही आराम की तलाश में होते हैं। यही सुकून भरा माहौल इंसान को रिलैक्स करता है और भावनाओं को खुलकर महसूस करने का मौका देता है।

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इसी दौरान कई पुरुष अपने साथी के प्रति ज्यादा रोमांटिक या इमोशनल हो जाते हैं — यह एक बेहद स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, जो शरीर और दिमाग दोनों से जुड़ी होती है।

बॉडी क्लॉक और हार्मोन्स का गहरा रिश्ता

पुरुषों का रोमांटिक मूड: हमारे शरीर में हार्मोन्स का स्तर समय के अनुसार बदलता रहता है, जिसे सर्कैडियन रिदम (Body Clock) कहा जाता है।

एंडोक्राइनोलॉजी सोसाइटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों का प्रमुख हार्मोन टेस्टोस्टेरोन सुबह के समय सबसे अधिक सक्रिय होता है, जिससे ऊर्जा और उत्साह बढ़ता है।

लेकिन रात के समय LH (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन) और FSH (फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) में हल्के बदलाव आने लगते हैं, जो मूड और भावनाओं को प्रभावित करते हैं। यही वजह है कि देर रात कई पुरुषों में रोमांटिक और इमोशनल फीलिंग्स बढ़ जाती हैं।

मेलाटोनिन का असर: जब शरीर और मन होते हैं रिलैक्स

साइंस डायरेक्ट में प्रकाशित एक स्टडी बताती है कि रात बढ़ने के साथ ही शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन शरीर को शांत करता है और नींद लाने में मदद करता है।

जब तनाव और थकान घटती है, तो इंसान ज्यादा सहज महसूस करता है। यही रिलैक्स अवस्था कभी-कभी भावनात्मक रूप से करीब लाती है — जिससे रोमांटिक बातचीत या नज़दीकियां स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती हैं।

“लव हार्मोन” ऑक्सीटोसिन का जादू

पुरुषों का रोमांटिक मूड: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब व्यक्ति तनावमुक्त होता है, तो शरीर में ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) का स्तर बढ़ जाता है।

यह वही हार्मोन है जो प्यार, अपनापन और भरोसे की भावना को मजबूत करता है। यही कारण है कि रात का यह समय पार्टनर के साथ गहराई से जुड़ने और रिश्ते को और मजबूत बनाने में सहायक होता है।

शांत रात, खुली भावनाएँ

पुरुषों का रोमांटिक मूड:रात का 12 बजे का समय सबसे शांत और निजी होता है — न फोन कॉल्स, न मीटिंग्स, न शोर। इस माहौल में इंसान अपने दिल की बातें खुलकर कर पाता है।

नेशनल स्लीप फाउंडेशन की रिपोर्ट कहती है कि नींद से पहले का समय इंसान के लिए सबसे भावनात्मक होता है, क्योंकि इस वक्त दिमाग तनाव से मुक्त होकर दिल की सुनने लगता है। इसलिए यह समय अक्सर कपल्स के बीच सबसे प्यारा और यादगार बन जाता है।

पुरुषों का रोमांटिक मूड: निष्कर्ष नहीं, एक एहसास

रात के 12 बजे का यह रोमांटिक मूड किसी जादू से कम नहीं। यह हार्मोनल बदलाव, शांत माहौल और भावनात्मक सहजता — तीनों का सुंदर मेल है। जब दिमाग सुकून में हो और दिल खुला हो, तो प्यार खुद-ब-खुद सामने आ जाता है। यही वो पल हैं जिन्हें इंसान ज़िंदगीभर याद रखता है।

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