Monday, December 1, 2025

Rohith Vemula Bill: कर्नाटक में कांग्रेस ला रही वेमुला बिल, मुस्लिम को भी किया गया शामिल, जानें क्या है?

Rohith Vemula Bill: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तावित “रोहित वेमुला बिल 2025” को लेकर राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में तीखी बहस छिड़ गई है। इस विधेयक का उद्देश्य शिक्षण संस्थानों में भेदभाव और उत्पीड़न को रोकना बताया गया है,

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लेकिन इसमें एक बड़ा विवाद तब पैदा हुआ जब मुस्लिम समुदाय को भी “शोषित वर्ग” की श्रेणी में शामिल कर दिया गया। इससे यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या यह कानून सामाजिक न्याय की दिशा में एक सकारात्मक कदम है या फिर यह नए प्रकार के भेदभाव को जन्म देगा?

Rohith Vemula Bill: मुस्लिम छात्रों को मिलेंगे विशेष अधिकार

अब तक अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण कानून (SC/ST एक्ट) का इस्तेमाल उन्हीं वर्गों की सुरक्षा के लिए होता था, लेकिन इस नए प्रस्तावित कानून के तहत मुस्लिम छात्रों को भी विशेष अधिकार दिए जा रहे हैं,

जिससे वे अगर किसी संस्थान, शिक्षक या सामान्य/उच्च जाति के छात्र पर भेदभाव का आरोप लगाएं, तो बिना वारंट के गिरफ्तारी संभव हो जाएगी।

पहली बार दोषी साबित होने पर एक साल की जेल और ₹10,000 का जुर्माना और दोबारा अपराध की स्थिति में तीन साल की जेल और ₹1 लाख तक का जुर्माना तय किया गया है।

कानून को लेकर छिड़ा विवाद

कानून में यह भी प्रावधान है कि अगर कोई तीसरा व्यक्ति पीड़ित की सहायता करता है, तो उसे भी आरोपी बनाया जा सकता है। इस प्रावधान से निर्दोष लोगों के फंसने की आशंका को बल मिल रहा है, क्योंकि शिकायत के आधार पर तुरंत गिरफ्तारी हो सकेगी।

विरोधियों का कहना है कि इससे मुस्लिम छात्रों को एक प्रकार की कानूनी ढाल मिल जाएगी, जिसका दुरुपयोग कर वे सामान्य वर्ग या हिंदू छात्रों को झूठे मुकदमों में फंसा सकते हैं।

कांग्रेस कर रही बढ़ाई

वहीं कांग्रेस और समर्थक संगठनों का कहना है कि यह कानून हाशिए पर खड़े छात्रों को सशक्त करने और उनके आत्मसम्मान की रक्षा के लिए जरूरी है। उनका तर्क है कि सिर्फ मुसलमान होना ही इस कानून का लाभ उठाने के लिए काफी नहीं होगा, बल्कि शिकायत की जांच और कानूनी प्रक्रिया के तहत ही सजा दी जाएगी।

हालांकि, यह भी सच है कि भारत में ऐसे कानूनों का दुरुपयोग पहले भी देखने को मिला है। ऐसे में इस बिल को लेकर यह सवाल बिल्कुल वाजिब है कि क्या यह समानता की दिशा में एक कदम होगा या फिर सामाजिक संतुलन को और बिगाड़ देगा?

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Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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