भारत की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने पश्चिम बंगाल में बढ़ती रोहिंग्या घुसपैठ पर निगरानी बढ़ाने के उद्देश्य से सिक्योरिटी असिस्टेंट के 4987 पदों पर भर्ती की घोषणा की है। चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति कोलकाता स्थित आईबी के सब्सिडियरी ब्यूरो (SIB) में की जाएगी।
यह भर्ती गृह मंत्रालय की ओर से की जा रही है और इसके तहत अभ्यर्थी 26 जुलाई 2025 से www.mha.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 17 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। यह भर्ती राज्य स्तर पर पूरे देश के 37 SIB केंद्रों के लिए की जाएगी।
क्षेत्रीय भाषा और रोहिंग्या भाषा जानने वालों को प्राथमिकता
इस भर्ती प्रक्रिया में क्षेत्रीय भाषा के जानकार युवकों को प्राथमिकता दी जाएगी। खास तौर पर कोलकाता में जिन 298 पदों पर भर्ती होनी है, वहाँ आवेदनकर्ता के पास बंगाली, नेपाली, भूटानी, उर्दू, संथली, सिलहटी या रोहिंग्या भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य होगा।
कोलकाता के लिए भाषा विशेष योग्यता का होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि यहाँ रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या अधिक है। रोहिंग्या भाषा जानने वालों को पूछताछ और निगरानी में विशेष रूप से उपयोगी माना जा रहा है।
वेतनमान और अन्य भत्ते
चयनित अभ्यर्थियों को पे लेवल-3 के अनुसार ₹21,700 से ₹69,100 प्रतिमाह वेतन मिलेगा, साथ ही केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अन्य भत्ते भी प्रदान किए जाएँगे। इस भर्ती के जरिए आईबी अपनी ज़मीनी निगरानी प्रणाली को मजबूत बनाना चाहती है।
रोहिंग्याओं पर कड़ी निगरानी के लिए आवश्यक था कि आईबी में ऐसे अधिकारी शामिल किए जाएँ जिन्हें उनकी भाषा और सामाजिक पृष्ठभूमि की समझ हो, जिससे संवाद और निगरानी दोनों में सहायता मिल सके।
बढ़ती घुसपैठ से चिंतित सरकार, भाषा जानने वाले अफसरों की मांग
बांग्लादेश से लगती सीमा पर रोहिंग्या मुस्लिमों की बढ़ती अवैध घुसपैठ केंद्र सरकार के लिए बड़ी चिंता बन चुकी है। ऐसे में भाषा जानने वाले और ज़मीनी स्तर पर प्रभावी संपर्क साध सकने वाले सुरक्षाकर्मियों की आवश्यकता थी।
आईबी की यह भर्ती इसी दिशा में एक अहम कदम है जिससे न केवल पहचान और पूछताछ की प्रक्रिया सहज होगी, बल्कि सीमा क्षेत्र में रह रहे संदिग्धों की गतिविधियों पर भी प्रभावी नियंत्रण रखा जा सकेगा।
UN रिपोर्ट में रोहिंग्या विस्थापन के चौंकाने वाले आँकड़े
यूएनएचसीआर की रिपोर्ट के अनुसार बीते 18 महीनों में करीब 1.5 लाख रोहिंग्या म्यांमार से विस्थापित होकर बांग्लादेश पहुँचे हैं। बांग्लादेश में पहले से ही 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं, जिससे वहाँ का ढाँचा चरमराने लगा है।
बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति खराब होने के कारण कई रोहिंग्या शरणार्थी अब भारत के सीमावर्ती राज्यों जैसे त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और असम में अवैध रूप से घुसपैठ कर रहे हैं। यह भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देने की दिशा में ठोस पहल
आईबी की यह भर्ती न केवल बंगाल बल्कि देशभर के 37 SIB केंद्रों के लिए हो रही है, जिनमें त्रिवेंद्रम, जयपुर, अगरतला, लेह-लद्दाख और जम्मू-कश्मीर भी शामिल हैं। यह एक रणनीतिक कदम है जिससे हर क्षेत्र में भाषा-विशेषज्ञ सुरक्षा कर्मी तैनात किए जा सकें।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि क्षेत्रीय भाषाओं के जानकार अफसर स्थानीय समुदाय के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर सकते हैं और विदेशी तत्वों की पहचान में सहायक हो सकते हैं। यह कदम राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में अत्यंत आवश्यक है।