Rising Rajasthan 2024: 9 दिसंबर से राइजिंग राजस्थान समिट की तैयारी है। इसमें अब तक 20 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं, लेकिन इनमें से कितने धरातल पर उतरेंगे? ये देखने वाली बात होगी। दरअसल अशोक गहलोत और वसुंधरा सरकार में हुए इन्वेस्टमेंट समिट के एमओयू और निवेश में काफी बड़ा गैप देखने को मिला था। बता दें कि गहलोत सरकार में हुए इन्वेस्ट राजस्थान समिट में वो 12.53 लाख करोड़ का एमओयू दिखाकर 2 प्रतिशत का इंवेस्टमेंट ला पाये थे। वहीं वसुंधरा राजे भी 3.37 लाख का MOU दिखाकर 10 प्रतिशत के निवेश पर रूक गई थी।
Rising Rajasthan 2024: 20 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट के प्रस्ताव
अब ऐसे में भजनलाल सरकार का कहना है कि अब तक 20 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट के प्रस्ताव मिल चुके हैं। दूसरी तरफ उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा का कहना है कि पहले हो चुकी इन्वेस्टमेंट समिट के नतीजों पर सरकार ने एक साल में काम किया है। जो दिक्कते पहले हुई थी उनके रिव्यू में सुधार किया गया है। ऐसे में निवेश ज्यादा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। अब ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि भजन लाल का राइजिंग राजस्थान का आकड़ा बढ़ पाएगा या वो भी आधे में सिमट जाएगा।
वसुंधरा सरकार को 2 प्रतिशत का मिला निवेश
वसुंधरा सरकार के 2015 के इवेंट में 3.37 लाख करोड़ के 470 एमओयू हुए, लेकिन 10% राशि के पूरे हो पाए। 1.20 लाख करोड़ के करार कुछ महीनों में ही निरस्त भी हो गए। 4% प्रोजेक्ट लिटिगेशन में फंसे, इतने ही पेडिंग रह गए। गहलोत सरकार ने 12.53 लाख करोड़ के 4145 करार किए। निवेश 25,938 करोड़ (2%) का ही हुआ। 604 करार रुके, 1378 खारिज हुए। निवेशकों ने लिखकर दिया कि न जमीन मिली ना बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर