बीजेपी में शामिल होंगे रविंद्र सिंह भाटी: राजस्थान की सियासत में हलचल तेज़ हो गई है। शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मुलाकात ने नए सियासी संकेत दिए हैं।
क्या रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं? राजनितिक गलियारों में चर्चा है की पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है।
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बीजेपी में शामिल होंगे रविंद्र सिंह भाटी: राजपूत वोट बैंक को साधने की तैयारी में बीजेपी?
शिव से निर्दलीय विधायक और युवा राजपूत नेता रविंद्र सिंह भाटी की बीजेपी से नज़दीकियां लगातार बढ़ती दिख रही हैं।
हाल ही में हुई बीजेपी विधायकों की अहम बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और रविंद्र भाटी एक साथ दिखाई दिए। इससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या भाटी अब बीजेपी का दामन थामने जा रहे हैं?
इससे पहले भी विधानसभा के मानसून सत्र में धर्मांतरण बिल पर भाटी ने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया था, जो एक बड़ा राजनीतिक संकेत माना गया।
भाटी ने बीजेपी का बिगाड़ा खेल
2023 में भाजपा से बागी होकर भाटी ने शिव विधानसभा से बीजेपी का खेल बिगाड़ा, फिर उसके बाद लोकसभा चुनाव में बाड़मेर सीट पर बीजेपी की हार के पीछे रविंद्र भाटी की अहम भूमिका मानी गई।
अब सवाल ये है कि जिस नेता ने बीजेपी को हराया, वही अब बीजेपी के साथ क्यों? दरअसल, राजस्थान में जल्द ही पंचायत चुनाव होने हैं और बीजेपी पश्चिमी राजस्थान के राजपूत वोट बैंक को साधना चाहती है।
भाटी को बीजेपी की उतनी ही जरूरत है, जितनी बीजेपी को भाटी की
बाड़मेर कांग्रेस का मजबूत किला रहा है, जिससे बीजेपी को उम्मीद है कि अगर वह भाटी को साथ लाए, तो बाड़मेर- जैसलमेर ज़ोन में कांग्रेस का किला ढहाया जा सकता है।
हालांकि राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता। भाटी को बीजेपी की उतनी ही जरूरत है, जितनी बीजेपी को भाटी की। अब देखना होगा कि ये नज़दीकियां कब औपचारिक गठबंधन में बदलती हैं।
“अब सवाल ये है कि क्या रविंद्र सिंह भाटी की बीजेपी से नज़दीकियां महज़ सियासी रणनीति हैं या फिर जल्द कोई बड़ा फैसला होने वाला है? तस्वीर अभी साफ नहीं है, लेकिन एक बात तय है राजस्थान की राजनीति में सब कुछ मुमकिन है।”