Ramlala: अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में इस बार रक्षाबंधन का पर्व सिर्फ एक पारंपरिक त्योहार नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और भावनात्मक अवसर बन गया है। द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला रक्षाबंधन है।
जब भगवान श्रीराम, माता सीता और उनके तीनों भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को रक्षा सूत्र बांधा जाएगा।
खास बात यह है कि यह राखी स्वयं श्रीराम की बड़ी बहन देवी शांता की ओर से भेजी जा रही है, जो प्रेम आशीर्वाद और परंपरा का प्रतीक है।
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Ramlala: खास है मधुबनी राखी
इस मौके के लिए खास राखियां मधुबनी पेंटिंग शैली में बनाई गई हैं, जिनमें जरी और मोतियों का सुंदर काम किया गया है। यह राखियां देवी शांता की ससुराल, श्रृंगी ऋषि आश्रम से अयोध्या के कारसेवकपुरम् भेजी जाएंगी।
वहां चार दिवसीय “श्रीरामलला रक्षाबंधन महोत्सव” का आयोजन होगा। इस महोत्सव में पूजन, भजन, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से श्रद्धालुओं को धार्मिक अनुभूति होगी।
देवी शांता है रामलला की बड़ी बहन
श्रृंगी बाबा सेवा संस्थान के पदाधिकारियों के अनुसार, यह परंपरा पौराणिक मान्यता पर आधारित है। कथा के अनुसार, देवी शांता चक्रवर्ती महाराज दशरथ की बड़ी पुत्री थीं। उनका विवाह महान तपस्वी श्रृंगी ऋषि से हुआ था।
यही श्रृंगी ऋषि वो महापुरुष थे जिन्होंने दशरथ के आग्रह पर पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था, जिसके परिणामस्वरूप राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ।
देवी शांता ने अपने भाईयों के जन्म में अप्रत्यक्ष रूप से अहम भूमिका निभाई थी, और अब वही बहन जब वर्षों बाद रक्षा सूत्र भेज रही है, तो यह भावुक और गौरवपूर्ण क्षण बन जाता है।
भाई-बहन के पवित्र रिश्तों को दी नई ऊंचाई
श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन जब भगवान राम और उनके भाइयों की कलाई पर बहन शांता की राखी बांधी जाएगी, तो वह केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं होगी, बल्कि यह एक ऐसा दृश्य होगा जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को एक नई ऊंचाई देगा।
अयोध्या के लोग और राम भक्त इस आयोजन को देखकर गर्व से भर उठेंगे, क्योंकि यह परंपरा भारतीय संस्कृति, पारिवारिक मूल्यों और धर्म की आत्मा को छूने वाली है।
यह आयोजन न सिर्फ मंदिर परिसर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनेगा। यह दिखाता है कि कैसे हम अपनी प्राचीन परंपराओं को आज के समय में भी जीवित रख सकते हैं और उनमें नई ऊर्जा भर सकते हैं।
अयोध्या का यह रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम, आस्था और संस्कृति का मिलन बनकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा।