Thursday, December 26, 2024

Rajasthani language: राजस्थानी भाषा को मिलेगी मान्यता! चीफ सेक्रेटरी ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

Recognition of Rajasthani language: राजस्थान वासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब राजस्थानी भाषा को शीघ्र ही संवैधानिक मान्यता मिल सकती है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की पहल पर राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव (CS) सुधांश पंत ने भारत सरकार के गृह सचिव गोविंद मोहिल को पत्र लिख कर राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की सिफारिश की है। पत्र में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने और इसे आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

पहले ही संकल्प पारित कर चुकी है विधानसभा

बता दें कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता प्रदान कर इसे भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में करने का संकल्प राजस्थान विधानसभा द्वारा 3 सितंबर 2003 को पारित किया जा चुका है। जिसे भारत सरकार की ओर मंजूर किया जाना ही शेष है। प्रदेश में माणक राजस्थानी पत्रिका सहित कई भाषा प्रेमी संस्थाओं, राजस्थानी संगठन, साहित्यकार, लेखक, शिक्षक लम्बे समय से राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये संघर्षरत है।

मुख्य सचिव ने यह लिखा पत्र में

मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने अपने पत्र में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में और भाषाओं को सम्मिलित करने एवं वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करने के लिए सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश में विभिन्न भाषाओं को संवैधानिक दर्जा देने के लिए पात्र बताया गया है। समिति की सिफारिश गृह मंत्रालय में विचाराधीन है। राजस्थानी भाषा को अब तक भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया। राजस्थानी भाषा को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित कराने की कार्यवाही के संबंध में यथोचित आदेश प्रदान किए जाए।

राजस्थानी भाषा की यह है विशिष्टता

राजस्थानी भाषा राजस्थान की संस्कृति, साहित्य, और इतिहास की पहचान है। इसे राजस्थान के कई हिस्सों में प्रमुख भाषा के रूप में बोला जाता है. राजस्थानी भाषा में कविताएं, लोकगीत, और कहानियां भारतीय साहित्य को समृद्ध करती हैं।

सीताकांत महापात्र समिति की सिफारिश

सीताकांत महापात्र समिति ने भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए समान और वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करने की सिफारिश की थी। राजस्थानी भाषा इन मानदंडों को पूरा करती है, लेकिन अब तक इसे संवैधानिक दर्जा नहीं मिला। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने केंद्र से इस मांग को मंजूरी देने की अपील की है। प्रदेश सरकार का मानना है कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलने से राज्य की संस्कृति और पहचान को नई ताकत मिलेगी।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article