JJM and the single strap episode: सरकार में कांग्रेस शासन में जल जीवन मिशन (जेजेएम) में हुए करीब 980 करोड़ रुपये के घोटाले में जलदाय मंत्री रहे महेश जोशी पर शिकंजा कस गया है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने महेश जोशी सहित 20 लोगों और 2 फर्मों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है। इनमें जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अधिकारियों, पीएचईडी के ठेकेदार और निजी व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं।
वहीं कांग्रेस शासन में यूडीएच मंत्री रहे शांति धारीवाल एकल पट्टा प्रकरण में एक बार फिर से घिर गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में फैसला सुनाते हुए कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के 3 तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई बहाल कर दी है। इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों को रद्द कर दिया है, जिनमें एकल पट्टा मामले में आपराधिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया गया था।
जेजेएम : 20 लोगों और दो फर्मों के खिलाफ मुकदमा
अब एसीबी जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री महेश जोशी को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। एसीबी के डीजी डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विशनाराम की रिपोर्ट के आधार पर जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों के संबंध में 20 लोगों और दो फर्मों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। ईडी ने इस मामले में पदमचंद जैन, महेश मित्तल, पीयूष जैन सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ भी की थी।
एसीबी पहले इनको कर चुकी गिरफ्तार
गौरतलब है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एसीबी ने जल जीवन मिशन के बिल पास करने के एवज में रिश्वत का लेन-देन करते ठेकेदार और पीएचईडी के अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि कई जगहों पर बिना पाइप लाइन बिछाए ही भुगतान कर दिया गया। इसके साथ ही हरियाणा से चोरी के पाइप बिछाने की बात भी सामने आई थी। अब एसीबी ने पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी, पीएचईडी के अधिकारियों, ठेकेदारों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। ऐसे में एक बार फिर महेश जोशी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
एकल पट्टा: इनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई बहाल
सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में फैसला सुनाते हुए कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के 3 तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई बहाल कर दी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भूयान की बेंच ने इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों को रद्द कर दिया है, जिनमें एकल पट्टा मामले में आपराधिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिए हैं कि वह मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी कर अपना निर्णय दे।
गहलोत सरकार ने दे दी थी सभी को क्लीन चिट
गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अप्रैल 2024 में प्रस्तुत एफिडेविट में धारीवाल समेत सभी आरोपियों को क्लीन चिट दी थी। हालांकि, कुछ समय बाद सरकार ने यू-टर्न लेते हुए नया एफिडेविट पेश किया, जिसमें कहा गया कि तीन अधिकारियों और शांति धारीवाल के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है। यह यू-टर्न और सुप्रीम कोर्ट का ताजा आदेश, राज्य के प्रशासन और राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा सकता है।