Rajasthan Vidhansabha News: राजस्थान विधानसभा में बहस के दौरान 19 जुलाई को कांग्रेस के दिग्गज नेता शांति धारीवाल ने गाली दी थी, जिसको लेकर प्रदेश की सियासत में बवाल मच गया था। इस बात को लेकर धारीवाल ने मंगलवार को सदन में माफी मांग ली। हालांकि माफी के बावजूद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने उन्हें सजा सुनाई है। उन्होंने दो दिन तक शांति धारीवाल के सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने पर बैन लगा दिया है।
स्पीकर देवनानी ने धारीवाल के माफी मांगने के बाद कहा, “आज और कल आप विधानसभा तो आएंगे, लेकिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे. मैं तो चाहता था कि आचरण के हिसाब से चार साल तक आपको सदन का सदस्य रहने का हक नहीं था, लेकिन आपके दल के सदस्यों के आग्रह और माफी के बाद मैंने फैसला ये फैसला लिया।”
देवनानी ने पहले चेताया, फिर दिखाया बड़ा दिल
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने धारीवाल से कहा कि आप बिना शर्त के दो लाइन में माफी मांगें। इस पर धारीवाल ने माफी मांगी। इसके बाद देवनानी ने कहा कि दो दशक में ऐसा कभी नहीं देखा है। धारीवाल के इस बयान से इस सदन की प्रतिष्ठा का हनन हुआ है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी शर्म की बात है कि धारीवाल के बयान से प्रदेश की छवि खराब हुई है। उन्होंने अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आगे ऐसा हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी। आखिर में उन्होंने कहा कि वह धारीवाल को सस्पेंड नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे दो दिन सदन में आ तो सकेंगे, लेकिन कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
“तो सदन की क्या गरिमा रह गई?”
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने शांति धारीवाल के व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा, ” जिस तरह का आचरण किया गया, इससे सदन की गरिमा को भारी ठेस पहुंची। आपको अंदाजा नहीं है कि जब यह बात मीडिया में गई तो इस सदन की क्या गरिमा रह गई? इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. आगे से चेतावनी है कि आप आचरण ठीक रखें।” साथ ही नए विधायकों को भी सख्त लहजे में कहा कि वे भी मर्यादा में रहे।
धारीवाल के इस बयान पर मचा है बवाल…
विधानसभा में आसन पर सभापति के रूप में विधायक संदीप शर्मा बैठे थे। उस वक्त सभापति ने टाइम का हवाला देते हुए कोटा उत्तर से विधायक धारीवाल को अपना भाषण खत्म करने को कहा। इस पर धारीवाल ने रिएक्ट करते हुए कहा था कि कितने भी बोलने वाले हों, सदन को देर तक चला लेना। उन्होंने आगे अपशब्द का इस्तेमाल किया और कहा कि अरे @#$%^ तुम कोटा के हो…कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?