Wednesday, December 4, 2024

Rajasthan Big News: राजस्व अधिकारी और अधिशाषी अधिकारी के पेपर भी हुए थे लीक

Paper Leak in Rajasthan: स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का प्रदेश में सक्रिय पेपर लीक गिरोह की परतें खोलने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में एसओजी ने राजस्थान में पुलिस उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा में हुए बड़े घोटाले के बाद अब राजस्व अधिकारी-द्वितीय ग्रेड और अधिशाषी अधिकारी (स्वायत्त शासन विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में हुए पेपर लीक का भी शनिवार को पर्दाफाश कर दिया। एसओजी के 28 अलग-अलग दलों ने जयपुर, चूरू, सीकर, जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और नागौर में एक साथ दबिश देकर 5 महिलाओं सहित 28 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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बता दें राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने 14 मई 2023 को राजस्व अधिकारी-द्वितीय ग्रेड और अधिशाषी अधिकारी वर्ग-चार (स्वायत्त शासन विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 का 2 चरणों में परीक्षा का आयोजन किया था।

राजस्थान में पेपर लीक के कई गिरोह सक्रिय

इस नए खुलासे के बाद राजस्थान में पेपर लीक के कई गिरोह सक्रिय होने का मामला भी सामने आया है। इनमें एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर लीक के एक गिरोह सरगना तुलछाराम का तो पूरा परिवार ही इस धंधे में जुड़ा हुआ था। शनिवार को गिरफ्तार हुए आरोपियों में गिरोह सरगना तुलछाराम की पत्नी, भतीजा और उसकी पत्नी भी शामिल है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और एसओजी के मुखिया वीके सिंह ने बताया कि RPSC ने सफल अभ्यर्थियों के पात्रता की जांच के दौरान उनकी विचारित सूची की गंभीरता से जांच की, तो इस परीक्षा में गड़बड़ी के मामले सामने आए। इस पर आयोग ने एसओजी में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई।

पहले नागौर के 6 अभ्यर्थी आए शक के दायरे में

RPSC की जांच में गड़बड़ी सामने आने पर आयोग ने संदिग्ध अभ्यर्थियों को फिर से सत्यान के लिए बुलाया। इस दौरान नागौर के खजवान गांव के 6 अभ्यर्थी सबसे पहले आयोग के संदेह के दायरे में आ गए। आयोग ने अपनी शिकायत में बताया कि नागौर के कुचेरा थाना इलाके के खजवाना गांव से 6 अभ्यर्थियों को विचारित सूची में शामिल कर लिया। आयोग का काहना था कि काउंसलिंग के दौरान संदिग्ध अभ्यर्थियों ने 9वीं-10वीं कक्षा के मामूली सवालों के जवाब भी नहीं दे पाए। इस पर आयोग ने एसओजी के पास संदिग्ध अभ्यर्थियों की सूची भेजी।

पहले पेपर हासिल किया फिर ब्लूटूथ से नकल कराई

एसओजी की जांच में यह भी सामने आय कि कालेर गिरोह ने सबसे पहले इस परीक्षा के पेपर हासिल किए, जिसके चलते इस गिरोह ने न केवल पेपर बेच कर लाखों रुपये अभ्यथियों से ले लिए, बल्कि एकदम ढफोल अभ्यथियों को ब्लूटूथ से नकल कराने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 से 15 लाख रुपए अलग से लिए। इस पर एसओजी ने दबिश मारने से पहले पेपर लीक प्रकरण में शामिल अभ्यर्थियों के अलावा गिरोह के जरिए ब्लूटूथ से नकल करने वाले 28 संदिग्ध अभ्यर्थियों को चिह्नित कर नामजद कर लिया।

डमी अभ्यर्थी और फर्जी डिग्री का भी चला खेल

संदिग्ध 28 आरोपियों को चिह्नित करने के बाद एसओज ने इनको पकड़ने के लिए 28 अलग-अलग दलों को गठन किया। इन दलों ने शनिवार को जयपुर सहित चूरू, सीकर, जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और नागौर में एक साथ दबिश देकर 28 संदिग्ध अभ्यथियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें गिरोह सरगना कालेर की पत्नी भावना गोस्वामी और उसका भतीता और उसकी पत्नी भी शामिल है। इसके आलवा डमी अभ्यर्थी और फर्जी डिग्री का मामला भी सामने आया है, इसकी अलग से जांच की जा रही है।

एसओजी ने इनको किया गिरफ्तार

एसओजी ने नागौर से रामसिंह, रामलाल रोज, ओमप्रकाश, सुनिल जाखड़, लीलीपाल इनानिया को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा चूरू से बबीता रेवाड, निरमा मण्डा, हनुमानगढ़ से बलजिन्दर सिंह, गुरविन्दर सिंह, ओमप्रकाश जाखड़, अमीलाल, राजाराम, प्रेमचन्द ज्याणी, बबीता बिश्नोई, अनिल सारण, कमलकांत, सुनिल धायल, फगलुराम, जोधपुर से भावना गौस्वामी, डिम्पल गौस्वामी, मेनका, सीकर से सुरेश कुमार और राजेश कुमार यादव को गिरफ्तार किया गया।

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