Smart Meter will be installed in every house in Rajasthan: राजस्थान में सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में अब जल्द ही स्मार्ट मीटर लगेंगे। इसके बाद न तो हर माह मीटर रीडिंग की जरूरत होगी और ना ही मीटर से छेड़छाड़ करके बिजली की चोरी की जा सकेगी। यही नहीं, घर-घर जाकर बिजली उपभोक्ता को बिल पहुंचाने के झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। दरअसल उपभोक्ता को तब उसके रजिस्टर्ड मोबाइल पर बिजली बिल भेजा जाएगा। उपभोक्ता से लेकर डिस्कॉम प्रशासन तक सबको बिजली संबंधी सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
राजस्थान डिस्कॉम प्रशासन ने कुछ इलाकों में सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद अब सभी उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इसके लिए बिजली कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लगाने के लिए टेंडर फाइनल कर लिए हैं।
तीनों डिस्कॉम में लगेंगे 1.47 करोड़ स्मार्ट मीटर
तीनों डिस्कॉम की बात की जाए तो 1.47 करोड़ उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिसके एवज में 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। केंद्र सरकार की रिवैंप स्कीम के तहत इस योजना के लिए 60 फीसदी राशि केंद्र देगा, जबकि 40 फीसदी हिस्सा डिस्कॉम वहन करेगा। अजमेर डिस्कॉम में सर्वाधिक 54 लाख उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाएंगे। अजमेर के सभी सर्किलों में 5273 करोड़ रुपये खर्च कर उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाएंगे। जोधपुर डिस्कॉम में भी 4 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर करीब 40 लाख उपभोक्ताओं के मीटर बदलने के कार्यादेश दिए गए हैं। इसी तरह जयपुर डिस्कॉम में 4505 करोड़ रुपये खर्च कर करीब 41 लाख पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर में बदला जाएगा।
स्मार्ट मीटर के ये होंगे फायदे
–स्मार्ट मीटर रियल टाइम सिस्टम पर काम करेगा। यानी जैसे ही बिजली का इस्तेमाल (खपत) होगा, वैसे ही डिस्कॉम के सर्वर पर इसकी सूचना पहुंच जाएगी।
–सर्वर से सीधे कनेक्ट होने के कारण उपभोक्ता के घर पर रीडिंग लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। महीना पूरा होते ही बिजली का बिल ऑनलाइन तैयार हो जाएगा।
–उपभोक्ताओं को सीधे मोबाइल पर ऑनलाइन बिल मिलेगा। डिस्कॉम को घर-घर बिजली बिल पहुंचाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
–यदि उपभोक्ता मीटर से छेड़छाड़ करके बिजली चोरी करता है तो तत्काल सर्वर पर पता चल जाएगा।
गोवा के बिजली विभाग से मांगी जानकारी
डिस्कॉम ने यह काम निजी कंपनियों को सौंपा है, जिसमें से एक जीनस मीटरिंग कम्युनिकेशन है। जयपुर डिस्कॉम के पास गोवा के बिजली विभाग का पत्र पहुंचा, जिसमें कंपनी को ब्लैकलिस्ट होना बताया गया। डिस्कॉम ने गोवा के विद्युत विभाग को ई-मेल किया, लेकिन रिप्लाई नहीं आया। इस बीच 3 अक्टूबर का एक और पत्र पहुंचा, जो ब्लैकलिस्ट करने का आदेश वापस लेने से जुड़ा है। अब अफसर परेशान हैं कि दोनों ही दस्तावेज अधिकारिक रूप से नहीं मिल रहे। हालांकि, ब्लैकलिस्ट से जुड़ा पत्र बिड होने के बाद का है।