Rajasthan Big News: राजस्थान में सभी नगर पालिकाओं, नगर परिषदों, नगर निगमों में अब मेयर, सभापति और अध्यक्ष आमजन के पट्टों की फाइल को 15 दिन से ज्यादा समय तक नहीं रोक सकेंगे। सरकार ने इस नियम में बदलाव किया है। यदि 15 दिन से ज्यादा तक रोकी गई फाइल को सीधे सरकार (डीएलबी के डिप्टी डायरेक्टर) के पास भिजवाने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही जमीन, मकान या आवास के पट्टों के प्रारूप में भी बदलाव किया गया है। इसमें अभियान का लोगो हटाते हुए केवल अब पट्टेधारक की ही फोटो लगाने के लिए कहा है।
पट्टों पर नहीं होगी मुख्यमंत्री की फोटो
स्वायत्त शासन निदेशालय के निदेशक और विभाग के विशिष्ट सचिव कुमार पाल गौतम ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें बताया कि निकायों की ओर से जारी पट्टों का प्रारूप 10 सितंबर, 2021 में निर्धारित किया था। प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पट्टों पर मुख्यमंत्री की फोटो होती थी। मौजूदा सरकार ने इस प्रारूप में बदलाव करते हुए अब पट्टा बिल्कुल सामान्य रखने का निर्णय लिया है। पट्टे पर केवल पट्टेधारी की फोटो ही चिपकाने का निर्णय किया है। पट्टों पर अब अभियान का लोगो भी नहीं लगाया जाएगा।
भ्रष्टाचार को देखते हुए सरकार ने लिया फैसला
पट्टे पर केवल पट्टेधारी की फोटो होगी जबकि पहले पट्टों पर अभियान का लोगो लगाया जा रहा था। निगमों में लगातार बढ़ते भ्रष्टाचार को देखते हुए सरकार ने निकाय प्रमुख के पास ऐसी फाइलों को रोकने की समय-सीमा निर्धारित की है। अगर निकाय प्रमुख 15 दिन तक पट्टे पर हस्ताक्षर नहीं करता है तो उस फाइल को निकाय का आयुक्त, उपायुक्त या अधिशाषी अधिकारी डीएलबी के उप निदेशक के पास भेजी जाएगी।