Prepaid smart meters will be installed in Rajasthan: प्रदेश में बिजली चोरी और घाटे को कम करने के लिए बिजली विभाग की ओर से अगले महीने से पोस्टपेड की जगह प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इससे बिजली के उपभोक्ताओं को बिजली के लिए पहले ही मीटर को रिचार्ज करना होगा। रिचार्ज खत्म होते ही आपकी बिजली सप्लाई भी बंद हो जाएगी। अर्थात आप जितना रिचार्ज कराएंगे, उतनी ही बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे। रिचार्ज खत्म होते ही आपकी बिजली ऑटोमेटिक कट जाएगी।
Rajasthan News: हालांकि, डिस्कॉम की ओर से लगाए जाने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर से अभी किसानों को छूट दी गई है। पहले फेज में केवल घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर ही इसकी शुरुआत की जाएगी। इससे डिस्कॉम को बिजली बिल की वसूली में आसानी होगी।
एक मीटर की लागत आएगी 900 रुपए
जानकारी के अनुसार, डेढ़ करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। पहले फेज में 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। 27 महीने में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी शुरुआत अगले महीने से होगी। वहीं, 15 लाख कृषि उपभोक्ता इससे बाहर रहेंगे। पूरे प्रोजेक्ट पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें से केंद्र सरकार 15 और राज्य सरकार 85 प्रतिशत राशि वहन करेगी। आरईसी लिमिटेड कंपनियों को फंडिंग करेगी। एक मीटर की लागत 900 रुपए आएगी।
पहले फेज में लगेंगे 25 लाख स्मार्ट मीटर
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने को अच्छा कदम बताते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर लगना ही चाहिए। इससे हमारे को किस फीडर पर कितना कंजप्शन हो रहा है उसका भी पता चल सकेगा, साथ ही उपभोक्ताओं को भी फायदा मिलेगा। इससे बिजली का दुरुपयोग भी रुकेगा। डिस्कॉम चेयरमैन भानू प्रकाश एटरू ने कहा कि पहले फेज में तीनों कंपनियों में 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। जयपुर में स्टेट डाटा सेंटर बनेगा और बैकअप के लिए जोधपुर में डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनेगा।
कंपनियों को स्मार्ट मीटर से होगा यह फायदा
तीनों बिजली कंपनियों की महीने में 4.5 से 5 हजार करोड़ की बिलिंग होती है, जिसमें से पूरी राशि वसूल नहीं हो पाती। 15 प्रतिशत से ज्यादा चोरी लोसेस का घाटा होता है। स्मार्ट मीटर लगने से एडवांस राशि खाते में जमा होगी। उपभोक्ताओं की ज्यादा रीडिंग या ज्यादा बिल आने की शिकायतें दूर होगी। वहीं, देरी से बिल जमा करवाने वाले और राशि जमा नहीं होने की शिकायतें बंद होगी।