Rajasthan News: राजस्थान में कोचिंग करने वाले विद्यार्थी आए दिन आत्महत्याएं कर रहे हैं। कोचिंग नगरी कोटा में तो सुसाडइ के मामले प्रशासन की लाख कोशिश के बावजूद थमने का नाम नहीं ले रहे। छात्रों की लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की प्रवृत्ति पर रोक के लिए अब भजन लाल शर्मा सरकार जल्द ही एक नया कानून लाने जा रही है। ऐसी पूरी संभावना है कि भजन लाल सरकार राज्य विधानसभा के इसी सत्र में इस आशय का विधेयक पेश करेगी। हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट में छात्र-छात्राओं के लगातार सुसाइड को लेकर याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दिए गए जवाब से इस मामले में कानून बनाए जाने की पूरी-पूरी संभावना है।
Table of Contents
Rajasthan News: कानून में हो सकते है ये प्रावधान
प्रस्तावित कानून में सरकार कोचिंग सेंटर के संचालन और पंजीयन संबंधी नियम बनाए जा रहे हैं। इसके तहत कोचिंग संस्थानों की फीस, आधारभूत ढांचे, वहां दी जाने वाली सुविधाओं, अपनी फैकल्टी इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, कोचिंग सेंटर अपने कोर्स और उसकी मान्यता को लेकर भी जानकारी छात्रों को देने के लिए बाध्य किए जाएंगे। इसके अलावा 16 साल से कम उम्र वाले छात्रों का प्रवेश कोचिंग सेंटर में नहीं होगा।
कोटा : 20 दिन में 6, 10 साल में 127 केस
कोचिंग नगरी कोटा में पिछले 10 साल में 127 स्टूडेंट पढ़ाई के तनाव की वजह से अपनी जान दे चुके। साल 2015 में 18 और 2016 में 17 मामले दर्ज किए गए। साल 2017 में 2016 की तुलना में कमी जरूर आई, बावजूद इसके 7 केस सामने आए थे। लेकिन अगले साल ही 2018 में 20 कोचिंग स्टूडेंट्स ने जान दे दी। यह आंकड़ा 2019 में 18 एवं 2022 में 15 और 2023 में 26 तक पहुंचा। साल 2024 में कोटा में 17 कोचिंग स्टूडेंट ने आत्महत्या की। अब चालू वर्ष में तो जनवरी के मात्र 20 दिन के अंदर ही 6 कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड कर चुके।
जांच में ये कारण सामने आए
(1) माता-पिता की विद्यार्थियों से उच्च महत्वाकांक्षा होना।
(2) कोचिंग सेंटर में होने वाले टेस्ट में पिछड़ जाने के चलते आत्मविश्वास में कमी।
(3) आर्थिक तंगी, ब्लैकमेलिंग, प्रेम प्रसंग आदि।
(4) कोचिंग छात्रों में शारीरिक, मानसिक व पढाई संबंधी तनाव उत्पन्न होना।
यह भी पढ़े: JLF: दुनिया के बड़े-बड़े देश भिखारी थे, सबने भारत को लूटा, अब विश्व भारत की ओर लौट रहा : कैलाश खेर