Thursday, September 19, 2024

Rajasthan: इमरजेंसी के समय इंदिरा गांधी की तानाशाही के आगे झुक गई थी न्याय पालिका : जगदीप धनखड़

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Platinum Jubilee Program of Rajasthan High Court: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश में कुछ लोग साजिश के तहत एक नैरेटिव चला रहे हैं कि हमारे पड़ोसी देश में हाल में जो घटनाक्रम हुआ है वैसा ही यहां भी घटित होगा। उन्होंने ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि यह लोग अपने जीवन में उच्च पदों पर रहे हैं, देश की संसद के सदस्य भी रहे हैं। मंत्री रहे हैं।

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उप राट्रपति ने कड़े शब्दों में ऐसे लागों की निंदा करते हुए कहा कि जिम्मेदार पदों पर रहे लोग भी ऐसा मिथ्या प्रचार कैसे कर सकते हैं कि बांग्लादेश जैसा घटनाक्रम भारत में भी दोहराया जाएगा। उप राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में केवल एक समय ऐसा आया जब इमरजेंसी के दौरान न्याय पालिका एक व्यक्ति की तानाशाही के आगे झुक गई।

राष्ट्रहित सर्वोपरि, इससे समझौता नहीं

उप राष्ट्रपति धनकड़ ने शनिवार को जोधपुर में राजस्थान हाई कोर्ट की प्लेटिनम जुबली के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में देश भर से आए न्यायाधीशों व वकीलों को संबोधित करते हुए चेताया कि ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतें वैधता प्राप्त करने के लिए संवैधानिक संस्थानों को प्लेटफार्म के रुप में प्रयोग कर रही हैं। ये ताकतें देश तोड़ने को तत्पर हैं। ऐसे लोग राष्ट्र के विकास व लोकतंत्र को पटरी से उतारने के लिए मनगढ़ंत नैरेटिव चलाते हैं। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता।

इमरजेंसी के दौरान SC की भूमिका पर उठाया सवाल

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने राजस्थान हाई कोर्ट में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि यह कोर्ट उन 9 हाई कोर्ट में शामिल है, जिन्होंने इंदिरा गांधी सरकार के लगाए गए आपातकाल के बाबजूद निर्णय दिया कि आपातकाल में भी व्यक्ति को बिना वजह गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। उप राष्ट्रपति ने कहा कि आज खेद का विषय है कि हमारे सम्मानित सुप्रीम कोर्ट, जिसने देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ाने में महान योगदान दिया, वह इमरजेंसी के दौरान देश के नागरिकों के हक में नहीं खड़ा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने इन 9 न्यायालयों के फैसलों को पलट दिया और निर्णय दिया कि आपातकाल लागू रहने के दौरान व्यक्ति को न्यायालय राहत नहीं दे सकता और सरकार जब तक चाहे आपातकाल लागू रख सकती है।

धनखड़ बोले, न्यायालय नहीं बना सकते कानून

धनखड़ ने अफसोस जताया कि हमारी सम्मानित सर्वोच्च न्याय पालिका भी इंदिरा गांधी की तानाशाही के आगे झुक गई और स्वतंत्रता एक व्यक्ति की बंधक बन कर रह गई। उन्होंने कहा कि यदि इमरजेंसी नहीं लगती, तो हमारा देश दशकों पहले ही विकास की नई ऊंचाइयों को छू लेता। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी अंगों के कार्यक्षेत्र का स्पष्ट बंटवारा है और शक्तियों के इस प्रथक्करण का सबकी ओर से सम्मान भी किया जाना चाहिए। उन्होंने हल्के अंदाज में यह भी जोड़ा कि संसद न्यायिक निर्णय नहीं दे सकती, उसी तरह न्यायालय भी कानून नहीं बना सकते।

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