Wednesday, December 4, 2024

Rajasthan by-election:: भाजपा ने जारी की 6 नामों की सूची, दौसा से किरोड़ी के भाई को टिकट

BJP released list of 6 names: राजस्थान में 7 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने 6 सीटों पर प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। जबकि चौरासी सीट पर फिलहाल प्रत्याशी का नाम तय नहीं हो पाया है। आदिवासी क्षेत्र की चौरासी सीट से पार्टी किसे मैदान में उतारेगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। उप चुनाव की पहली सूची में भाजपा ने दौसा सीट से मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को प्रत्याशी बनाया है। जबकि देवली-उनियारा से पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर को एक बार फिर मौका दिया है।

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कर्नल बैंसला के पुत्र विजय सिंह को भी मिला टिकट

पिछली बार भाजपा ने देवली-उनियारा से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय सिंह बैंसला को टिकट दी थी, जो करीब 20 हजार वोट से हरीश मीणा से हार गए थे। ऐसे में अब भाजपा ने फिर राजेंद्र गुजर के नाम पर मुहर लगाई है। साथ ही खींवसर सीट से पार्टी ने रेवंत राम डांगा को टिकट दी है। वे पिछले चुनाव में 2059 वोट से हनुमान बेनीवाल से हार गए थे। रामगढ़ सीट पर हो रहे उप चुनाव में भाजपा ने सुखवंत सिंह को प्रत्याशी बनाया है। सुखवंत सिंह ने पिछली बार भाजपा के बागी के रूप में चुनाव लड़ा था और दूसरे नंबर पर रहे थे। ऐसे में हालही में वे फिर से भाजपा में शामिल हुए और अब पार्टी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है।

सलूंबर से दिवंगत MLA अमृतलाल की पत्नी को उतारा

सलूंबर सीट पर पार्टी ने शांता देवी मीणा को चुनाव मैदान में खड़ा किया है, वह दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी है। सलूंबर से भाजपा प्रत्याशी शांता देवी अभी सेमारी में नगर पालिका अध्यक्ष हैं। इधर, झुंझुनूं सीट से भाजपा ने राजेन्द्र भांबू को प्रत्याशी बनाया है। वे लगातार दो बार से चुनाव लड़ रहे थे। पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था। इसके बाद उन्होंने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उनको 42 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। बता दें कि राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना होगी।

अब कांग्रेस की सूची पर सभी की निगाहें

बता दें कि भाजपा की ओर से सूची जारी होने के बाद अब सभी की निगाहें कांग्रेस की सूची पर टिकी हुई है। इसका कारण यह है कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने आरएलपी और बीएपी के साथ गठबंधन किया था। ऐसे में अब भी यही उम्मीद है कि खींवसर और चौरासी सीट पर वे गठबंधन कर सकती है। हालांकि बीएपी ने कांग्रेस की सूची जारी होने से पहले ही सलूंबर में अपना प्रत्याशी उतार दिया है। इसके बाद अब कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी के गठबंधन के आसार कम नजर आ रहे हैं।

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