Rajasthan: जयपुर शहर में ट्रैफिक की समस्या से निजात की बड़ी कवायद की जा रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर आज मैराथन बैठक ली. संभवत: कल से ही शहर में छोटे-छोटे सुधार देखने को मिलेंगे. जयपुर शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर उच्चस्तरीय बैठक ली गई.
इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए. बारिश से उत्पन्न स्थिति में वर्तमान ट्रैफिक व्यवस्था तुरंत सुचारू करने के निर्देश दिए गए. साथ ही उन्होंने भविष्य की आवश्यकता के दृष्टिगत जयपुर शहर में सुगम यातायात संचालन के लिए दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए.
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Rajasthan: AI Policy 2025 को लेकर भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला
राजस्थान में भजनलाल सरकार जल्द ही ‘ राजस्थान एआई पॉलिसी 2025 ’ लागू करने के लिए नई नीति ला रही है। इसके तहत राजस्थान सरकार जवाबदेही, नैतिकता और समावेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में कदम उठाते हुए यह नीति शीघ्र ही लागू करेगी।
इसको लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक में निर्णय लिया गया है। बता दें कि राजस्थान में एआई के जरिए कृत्रिम वर्षा कराने का प्रयास भी किया जा रहा है। इस नीति के लागू होने से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर खुलेंगे।
इसके लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार जल्द ही ‘राजस्थान एआई पॉलिसी 2025’ को लागू करने जा रही है। इस नीति के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। पहला, नैतिक और जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने के लिए सरकारी स्तर पर विशेष प्रयास किए जाएंगे।
भजनलाल सरकार में पहली बड़ी सियासी नियुक्ति
भजनलाल सरकार में नए वित्त आयोग का गठन कर दिया गया है। इस आयोग में अध्यक्ष और सदस्य पद की नियुक्ति की गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी को वित्त आयोग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए अध्यक्ष बनाया गया है। अरुण चतुर्वेदी छात्र जीवन से ही संघ से जुड़े हैं।
वे लगातार संघ के कार्यक्रमों में व्यस्त रहे हैं। संघ में सक्रियता की वजह से ही उन्हें राजनीति की मुख्यधारा में सीधी एंट्री मिली। संगठन में अहम पदों पर जिम्मेदारी भी दी गई और अब एक और अहम जिम्मा दिया गया है।
1 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले पांच वर्षों की काल अवधि के लिए रिपोर्ट देगा. भजनलाल सरकार ने विधिवत तरीके से राज्य वित्त आयोग का गठन किया है.
राजधानी की सड़कों के सुधार की बनेगी कार्य योजना
मानसून के कारण राजधानी की खस्ताहाल सड़कों को लेकर कार्ययोजना बनाई जाएगी. सड़कों के निर्माण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को भी चिन्हित किया जाएगा. मानसून के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को लेकर स्व प्रेरित प्रसंज्ञान लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार,नगर निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण को सख्त आदेश जारी किए हैं.
हाईकोर्ट के इस आदेश की पालना को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर काम शुरू कर दिया गया है. सरकार के आदेश जेडीए ने हाई कोर्ट के आदेश की पालना करने की तैयारी शुरू कर दी है.
जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से अपने क्षेत्र में सड़कों का सर्वे करने,कार्य योजना तैयार करने और शपथ पत्र तैयार करने को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है.
राजस्थान विधानसभा बनी युवा संसद का मंच
देश के अलग-अलग 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए 168 युवा शनिवार को राजस्थान विधानसभा के सदन में बैठकर आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) जैसे गंभीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं.
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी की पहल पर आयोजित यह एक दिवसीय युवा संसद सुबह 10 बजे शुरू हो गई. इस युवा संसद को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा आयोजित किया गया है, जिसमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं.
सभी प्रतिभागियों ने गहन शोध और तैयारी के साथ अपनी राय रखी, जिससे यह आयोजन सिर्फ एक प्रतियोगिता न होकर एक सीखने और समझने का मंच बन गया.यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान विधानसभा में इस तरह का आयोजन हुआ हो. इससे पहले 26 मार्च, 2025 को भी ‘विकसित भारत युवा संसद’ का आयोजन हुआ था.
दुकान के सामने मिले सामूहिक अचेत मिले 3 लोग
राजस्थान के भरतपुर जिले के कंजौली लाइन गांव में सुबह 3 लोगों के शव मिलने से हड़कंप मच गया. मृतकों में एक महिला, एक पुरुष और एक बच्चा शामिल है. सेवर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीनों शवों को कब्जे में ले लिया और आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया.
इन शवों को सबसे पहले स्थानीय लोगों ने देखा था और फिर पुलिस को सूचना दी थी. जानकारी मिलने के कुछ ही समय बाद एडिशनल एसपी सतीश यादव समेत FSL टीम भी मौके पर पहुंच गई और साक्ष्य जुटाने लगी.
तीनों शवों के पास से सल्फास पाउडर के पाउच मिले हैं, जिनमें से कुछ फटे हुए हैं और कुछ पैक हैं. इसीलिए पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों ही एंगल से केस की जांच कर रही है.
अजमेर में 250 अवैध घरों वन भूमि से हटाया
अजमेर में तारागढ़ पहाड़ियों पर बसे अंदर कोर्ट इलाके में प्रशासन ने 250 अवैध घरों को हटाया. वन विभाग की जमीन पर कब्जा किए थे. सुबह जिला प्रशासन, पुलिस, वन विभाग और अन्य एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई शुरू की. बांग्लादेशी और अवैध रूप से रह रहे लोगों को चिन्हित कर डिटेन किया गया है.
प्रशासन के अनुसार, करीब 250 अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है, जिनमें से कुछ अतिक्रमियों ने हाई कोर्ट से राहत पाने के प्रयास में पुराने दस्तावेज, बिजली-पानी के कनेक्शन और पुश्तैनी जमीन का हवाला दिया था, लेकिन जांच में 250 लोगों के कब्जे अवैध पाए गए.
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अवैध कब्जा हटाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद बाद वन विभाग, अजमेर पुलिस, जिला प्रशासन और खुफिया एजेंसियों ने क्षेत्र में सर्वे कर अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान शुरू की थी. बीते एक महीने से चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई की तैयारी चल रही थी, जो बड़े पैमाने पर अमल में लाई गई.
रुदावल में सड़क मरम्मत की मांग को लेकर धरना जारी
भरतपुर के रुदावल क्षेत्र के ग्रामीणों का धरना आज भी जारी है, जहां बयाना विधायक डॉ. ऋतू बनाबत धरना स्थल पर पहुंची और उन्होंने ग्रामीणों से संवाद किया। ग्रामीणों का मुख्य मुद्दा 24 साल पुरानी सड़क की मरम्मत है, जो गहरे गड्ढों के कारण बेहद खतरनाक हो गई है और यात्रा करने वालों के लिए खतरे का कारण बन रही है।
विधायक डॉ. ऋतू बनाबत ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्या का समाधान जल्द ही किया जाएगा। हालांकि, धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि तब तक जब तक सड़क पर कोई कार्य शुरू नहीं होगा,
उनका शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा। सड़क पर करीब दो फुट गहरे गड्ढे हो गए हैं, जो यात्री वाहनों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं।
डीएनटी समाजों ने ‘महा-बहिष्कार’ आंदोलन में जताया विरोध
राष्ट्रीय पशुपालक संघ, डीएनटी संघर्ष समिति और विमुक्त घुमंतू अर्ध-घुमंतू जाति परिषद के संयुक्त तत्वावधान में ‘महा-बहिष्कार’ आंदोलन के तहत आज़ाद चौक में एक विशाल सभा आयोजित की गई।
इसके बाद, कलेक्टर ऑफिस तक एक रैली निकाली गई, जिसमें देश-प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों और समाजजनों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य डीएनटी समाजों के अधिकारों की रक्षा और उनकी उचित मांगों की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना था।
विरोध प्रदर्शन के दौरान समाज के लोगों ने अपनी नाराजगी और आक्रोश व्यक्त करते हुए “पुतला दहन” किया। समाज ने यह साफ तौर पर कहा कि यह उनका आखिरी ज्ञापन है और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे और भी कड़े कदम उठाने को बाध्य होंगे।
सिणधरी-नौसर डंडाली सड़क पर गड्ढों से बढ़ी परेशानी
बालोतरा में सिणधरी से नौसर डंडाली को जोड़ने वाली सड़क इन दिनों पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। बारिश के कारण सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढों ने वाहन चालकों और पैदल राहगीरों के लिए आवागमन को अत्यधिक कठिन बना दिया है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की इस बदहाल स्थिति के चलते न केवल वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि पैदल चलने वाले भी कीचड़ से भरे रास्तों पर चलने को मजबूर हैं।
खासकर, रामदेवरा जाने वाले श्रद्धालुओं को बारिश से भरे गड्ढों के बीच भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर यात्रा करना अब एक चुनौती बन गया है, और ग्रामीण प्रशासन से शीघ्र सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
मंत्री जवाहर बेढम का बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा
चंबल नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण उत्पन्न बाढ़ जैसी गंभीर परिस्थितियों के बीच, जिले के प्रभारी मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने राजाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव गढ़ी जाफर का दौरा किया।
उन्होंने राहत शिविरों और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण कर आम जनता से सीधी बात की और जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों का जायजा लिया। प्रभारी मंत्री ने ग्रामीणों से भोजन, चिकित्सा, पानी, आश्रय और अन्य आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी को निर्देश दिया कि राहत कार्यों को ‘युद्धस्तर’ पर जारी रखा जाए, ताकि किसी भी प्रभावित परिवार को कोई असुविधा न हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समय प्रशासन का हर कर्मचारी ‘जनसेवा का भागीदार’ है।
भरतपुर जिले के गांवों में सड़क की कमी से बढ़ा आक्रोश
भरतपुर जिला स्थित सिंगनिया, नगला कोली और मांगरोल गांव के लोग इन दिनों सड़क निर्माण की कमी से परेशान हैं। इन गांवों के निवासियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र सड़क का निर्माण नहीं हुआ, तो वे बड़े आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।
लोगों का आरोप है कि इन गांवों के लिए सड़क नहीं है, जिसके कारण उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मरीजों को इलाज के लिए ट्रैक्टर या चारपाई पर ले जाना पड़ता है।
इसके अलावा, वर्तमान में वर्षा का मौसम होने के कारण सड़क पर दो-दो फुट गहरे गड्डे हो गए हैं, जिनसे गुजरना बेहद कठिन हो गया है। गांववासियों का कहना है कि करीब 9 किलोमीटर का सफर तय करने में लगभग दो घंटे का समय लग जाता है।