Rajasthan: जयपुर में सोमवार को मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास पर नियमित जनसुनवाई की। उन्होंने आमजन की समस्याओं को आत्मीयता से सुना और संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध एवं संतोषजनक समाधान के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ सेवा को मूलमंत्र मानकर कार्य कर रही है। जनसुनवाई के दौरान सामाजिक न्याय, सिंचाई, परिवहन, पशुपालन, शिक्षा, चिकित्सा जैसे कई विभागों से जुड़ी परिवेदनाएं सुनी गईं और अधिकांश मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया गया।
बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और आमजन इस जनसुनवाई में मौजूद रहे।
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Rajasthan: नरेश मीणा को हाईकोर्ट से मिली जमानत
टोंक जिले की बड़ी राजनीतिक हलचल के बीच पूर्व विधायक नरेश मीणा को राहत मिली है। हाईकोर्ट से नगरफोर्ट थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 167/24 में उन्हें जमानत मिल गई है। सोमवार को टोंक SC/ST कोर्ट में उनके बेल बॉन्ड भरे जाएंगे।
इसके बाद दोपहर तक नरेश मीणा के जेल से बाहर आने की संभावना है। वे पिछले 8 महीनों से न्यायिक अभिरक्षा में थे। देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। जेल से रिहाई के बाद नरेश मीणा समरावता गांव का दौरा कर सकते हैं।
अमित शाह के दौरे से पहले संगठनात्मक मंथन तेज
जयपुर में बीजेपी संगठन को मजबूत करने के प्रयास तेज़ हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संभावित दौरे से पहले प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने संगठनात्मक सक्रियता बढ़ा दी है।
सोमवार को नागौर और सीकर जिलों से संगठनात्मक फीडबैक लिया गया। इन बैठकों में जिलाध्यक्ष, पराजित नेता, जनप्रतिनिधि और प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हुए।
नागौर, जहां सांसद हनुमान बेनीवाल सरकार के खिलाफ मुखर हैं, वहीं सीकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का गढ़ है। इन दोनों जिलों में राजनीतिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राठौड़ ने स्थानीय विकास, ब्यूरोक्रेसी के प्रभाव और कार्यकर्ताओं की भागीदारी पर चर्चा की।
नेताओं ने सियासी नियुक्तियों और अफसरशाही , अनदेखी जैसे मुद्दे भी उठाए। प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी जिलों में जल्द कार्यकारिणी घोषित की जाए और आगामी चुनावी रणनीति पर सक्रियता से काम किया जाए।
राजस्थान में RGHS को लेकर संकट गहराया
राजस्थान में RGHS योजना को लेकर निजी अस्पतालों और सरकार के बीच गतिरोध गहराता जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, JMA, PHNHS, UPCHR और AHPI सहित सभी संगठनों ने मिलकर राजस्थान एलायंस ऑफ हॉस्पिटल एसोसिएशन बनाया है, जिसने 15 जुलाई से कैशलेस इलाज बंद करने की घोषणा कर दी है।
एसोसिएशन की समिति ने सरकार को तात्कालिक समाधान के सुझाव दिए हैं, जिनमें 31 मार्च 2025 तक के सभी लंबित क्लेम का शीघ्र निस्तारण और भविष्य के क्लेम का 45 दिनों में भुगतान शामिल है। एसोसिएशन से जुड़े अस्पताल अब CGHS दर पर पैसा लेकर ही इलाज करेंगे।
हालांकि चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने स्पष्ट किया है कि योजना हाल ही में विभाग को सौंपी गई है और सभी पक्षों की बात समझी जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा।
भजनलाल कैबिनेट की अहम बैठक शुरू
चार महीने बाद भजनलाल शर्मा सरकार ने कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की अहम बैठक बुलाई है। जयपुर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में यह बैठक शुरू हो चुकी है। पहले कैबिनेट, फिर मंत्रिपरिषद की बैठक हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में सरकारी कर्मचारियों के सेवा नियमों में संशोधन, भूमि आवंटन, विधानसभा सत्र की तैयारियों, और कैडर रिव्यू पर फैसले लिए जा सकते हैं। भजनलाल सरकार ने कार्यकाल में 4 लाख नौकरियों की घोषणा की थी, ऐसे में विभिन्न विभागों में पद बढ़ाने पर सहमति बन सकती है।
वहीं, मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री बजट घोषणाओं की समीक्षा, स्वतंत्रता दिवस जयपुर की बजाय जोधपुर में आयोजित करने, और बीजेपी प्रदेश कार्यालय में जनसुनवाई की तैयारी जैसे विषयों पर भी चर्चा हो सकती है। मंत्री मदन दिलावर और झाबर सिंह खर्रा बैठक में शामिल हुए हैं ।
गहलोत सरकार के फैसलों को क्लीन चिट की तैयारी
राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल के आखिरी 6 महीनों में लिए गए 40 बड़े निर्णयों की समीक्षा अब अंतिम चरण में है। भजनलाल सरकार द्वारा गठित कैबिनेट सब कमेटी ने अडाणी समूह समेत 400 से अधिक संस्थाओं को रियायती दरों पर जमीन आवंटन, स्मार्टफोन वितरण योजना, 600 करोड़ के हेल्थ लोन जैसे विवादित निर्णयों की समीक्षा की।
सूत्रों की मानें तो अधिकांश मामलों में कोई ‘गंभीर अनियमितता’ सामने नहीं आई है। यानी रिपोर्ट में बड़े फैसलों को क्लीन चिट मिलने की संभावना है।
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने डेढ़ साल में रिपोर्ट तैयार की, जिसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। इससे पहले गहलोत सरकार ने भी वसुंधरा सरकार के 1059 फैसलों की समीक्षा कर सबको क्लीन चिट दी थी। राजनीति में यह समीक्षाएं अब ‘प्रक्रिया से ज्यादा परंपरा’ बन चुकी हैं।
जयपुर रेलवे स्टेशन के पास सड़क धंसी, मचा हड़कंप
राजधानी जयपुर में तेज बारिश के बाद एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। जयपुर रेलवे स्टेशन के पास सड़क का एक हिस्सा अचानक धंस गया और वहां करीब 15 फीट गहरा गड्ढा बन गया। यह हादसा उस समय हुआ जब इलाके में लगातार भारी बारिश हो रही थी, जिससे ज़मीन की सतह कमजोर पड़ गई।
गनीमत रही कि हादसे के वक्त वहां कोई वाहन या राहगीर मौजूद नहीं था। मौके पर तुरंत नगर निगम और पुलिस की टीमें पहुंचीं और पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है। यातायात को वैकल्पिक मार्ग से डायवर्ट किया गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह इलाका पहले से जलभराव की समस्या से जूझता रहा है, लेकिन समय रहते कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया।
परचून दुकानों पर भी बिक रही शराब!
बीकानेर जिले में शराब बिक्री को लेकर सरकार के नियम-कायदों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिले के 42 आबकारी गोदाम, जो केवल भंडारण के लिए आवंटित किए गए हैं, उन्हें अवैध रूप से शराब की रिटेल दुकानों के रूप में चलाया जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर है कि अब परचून की दुकानों तक में खुलेआम शराब बिक रही है।
शहर ही नहीं, सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में भी मध्यरात्रि तक शराब आसानी से उपलब्ध है। ओवररेट वसूला जा रहा है और गोदामों के आगे लोगों की भीड़ आम बात है। आबकारी अधिकारी संतोष पुनिया ने माना है कि ऐसी शिकायतें पहले भी आई हैं और जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है,
लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और आबकारी विभाग से साठगांठ कर शराब ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं।
भरतपुर में मामूली विवाद बना खूनी झगड़े का कारण
भरतपुर जिले के चिकसाना थाना क्षेत्र के गांव सूती फुलवारा निवा में मामूली विवाद के बाद खूनी वारदात हो गई। बताया जा रहा है कि सुबह कुछ युवकों से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। शाम को उन्हीं युवकों ने मृतक के बच्चे के साथ मारपीट की।
जब मृतक मौके पर पहुंचा तो आधा दर्जन से ज्यादा युवकों ने उस पर फायरिंग कर दी। सिर में गोली लगने से युवक की मौके पर ही मौत हो गई। शव को आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।
घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण अस्पताल पहुंचे, जिस पर पुलिस को तैनात करना पड़ा है। इलाके में तनाव का माहौल है, पुलिस जांच में जुटी है।
भंवरगढ़ में जलभराव से रोडवेज बस बीच रपट पर फंसी
बारां जिले के भंवरगढ़ में एक बड़ा हादसा टल गया जब कोटा से शिवपुरी जा रही राजस्थान रोडवेज की बस जल भरे रपट पर फंस गई। ग्रामीणों के बार-बार मना करने के बावजूद चालक ने लापरवाही दिखाई और बस को रपट पर उतार दिया, जो बीच में जाकर बंद हो गई।
बस में 22 से अधिक यात्री और बच्चे सवार थे।सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके को संभाला और यात्रियों को दूसरी बस से गंतव्य के लिए रवाना किया। ग्रामीणों ने चालक और परिचालक की लापरवाही पर नाराज़गी जताई। थानाधिकारी राजेश मीणा ने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और बस को भी बाहर निकाल लिया गया है।
युवती की मौत पर परिजनों का धरना
करौली जिले के सपोटरा क्षेत्र के डाबरा गांव में युवती की मौत के बाद मामला गरमा गया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि जमीनी विवाद को लेकर उसे जानबूझकर कुएं में धक्का दिया गया, जिससे घायल होने के बाद उसकी मौत हो गई।
इसी को लेकर परिजनों ने कुड़गांव-सपोटरा मुख्य सड़क मार्ग पर शव के साथ धरना देकर जाम लगा रखा है। 26 घंटे से अधिक समय बीत चुका है लेकिन जाम नहीं खुला है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और उनकी एक ही मांग है
आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। मौके पर एडिशनल एसपी गुमना राम, सीईओ कन्हैयालाल चौधरी, थाना अधिकारी धारा सिंह मीणा, मामचारी थानाधिकारी अभिजीत मीणा, तहसीलदार दिलीप अग्रवाल सहित भारी पुलिस बल तैनात है।
धरना स्थल पर कांग्रेस की हुकुम बाई मीणा और भाजपा नेत्री गिरिजा मीणा भी पहुंची हैं। ग्रामीणों की भारी भीड़ भी मौजूद है।