Rajasthan Assembly News: राजस्थान विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक शत्रुध्न गौतम की ओर से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली पर लगाए आरोपों को लेकर हंगामा हो गया। प्रश्नकाल के दौरान गौतम ने जूली का नाम लेते हुए सरिस्का वन क्षेत्र में अतिक्रमण का मुद्दा उठाया। इस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने उन्हें टोकते हुए कहा कि इस तरह सदन में किसी का नाम नहीं लिया जा सकता। देवनानी ने व्यवस्था देते हुए इसे सदन की कार्यवाही से एक्सपंज करवा दिया। गौतम ने सदन में कागज लहराकर कहा कि मेरे पास आरोपों के पक्ष में सबूत हैं। इसके बाद गौतम ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष का नाम अलवर यूटाईअी की लिस्ट में अतिक्रमियों में है।
गौतम बोले- सरिस्का क्षेत्र में जमीन पर कब्जे
विधायक गौतम ने कहा कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि कांग्रेस राज में सरिस्का क्षेत्र में नदी नालों के आसपास 2000 हेक्टेयर जमीन दी गई। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करे। कांग्रेस राज में ऐसे लोगों को भी जमीन मिली जो सदन में मर्यादा अनुशासन की बात करते हैं। यूआईटी अलवर ने भी उन्हें अतिक्रमी माना है। उन्होंने कहा कि या तो सरकार उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन्होंने ये नाम लिखा अन्यथा कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए। उन्होंने अलवर यूआईटी की तरफ से 2012 में की गई एक सर्वे रिपोर्ट का हवाला दिया।
कागज दिखाकर गौतम बोले- मेरे पास हैं सबूत
गौतम ने सदन में कागज लहराकर कहा कि मेरे पास आरोपों के पक्ष में सबूत हैं। इसमें टीकाराम जूली को अतिक्रमणी माना गया है। जूली का नाम लेते ही सदन में हंगामा हो गया। विधायक ने प्रकरण की जांच कराने की मांग की। साथ ही कहा कि 487 हेक्टेयर नदी-नालों के आसपास जमीन आवंटन मामले की जांच कराई जाए। इसके बाद विधानसभा के बाहर मीडिया से रूबरू होते हुए विधायक शत्रुघ्न गौतम ने कहा कि यदि जूली के बारे में मेरे तथ्य गलत हैं तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मीडिया के सामने भी सदन में नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ लगाए आरोपों को दोहराया।
मंत्री बोले- 487 हेक्टेयर जमीन आवंटित
राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने सदन में इसका जवाब देते हुए कहा कि सरिस्का क्षेत्र में पांच साल में 830 प्रकरणों में 487 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है। इस मामले में 8 अगस्त 2022 को तत्कालीन शिक्षा सचिव की जांच कमेटी बनाई गई। जांच कमेटी 15 मई 2023 को रिपोर्ट दे चुकी है।