Rajasthan BJP: राजस्थान की भाजपा सरकार और संगठन में बदलाव जल्द हो सकता है। इसकी चर्चाएं बीते काफी दिनों से चल रही है। उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को फ्री हैंड दे दिया है। हालांकि जानकारों का यह भी कहना है कि भजनलाल कैबिनेट हो या राजस्थान भाजपा संगठन बदलाव की फाइनल लिस्ट से दिल्ली की सहमति से ही तय होगी। बीते दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली के दौरे पर भी गए थे। इसके बाद से कैबिनेट में बदलाव की चर्चाएं और तेज हो गई।
पुराने व सूखे पेड़ गिरेंगे, नए पत्ते उभरेंगेः राधामोहन दास
अब भजनलाल कैबिनेट में बदलाव की चर्चा को नया बल प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल के एक बयान से मिली है। दरअसल राधामोहन दास अग्रवाल ने राजस्थान कैबिनेट में बदलाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह तो स्वभाविक प्रक्रिया है। पुराने पेड़, सूखे पेड़ गिरेंगे, नए पत्ते उभरेंगे। मंगलवार को राजस्थान भाजपा प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए कैबिनेट और भाजपा संगठन में बदलाव को लेकर कहा कि जवान टीम बनेगी, नए कार्यकर्ता पदों पर होंगे। अनुभवी कार्यकर्ता अन्य दायित्वों पर होंगे. नए और पुराने का सम्मिलन होंगे। मिलकर एक मजबूत संगठन बनेंगे।
नॉन परफॉर्मिंग और विवादित मंत्रियों को हटाया जाएगा
इधर राजस्थान की राजनीति के जानकारों की माने तो बीते 1 साल से नॉन परफॉर्मिंग और विवादित मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है, जिसमें से कुछ वसुंधरा राजे खेमे के भी हो सकते हैं। बीते दिनों वसुंधरा राजे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात की थी।
राजे समर्थक इन विधायकों की दावेदारी मजबूत
कहा जा रहा है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल होता है तो राजे के कई समर्थक विधायकों को मौका मिल सकता है। इनमें से जसवंत यादव, अरूण चौधरी, कालीचरण सर्राफ, बाबू सिंह राठौड़, पब्बाराम बिश्नोई, गुरविर सिंह बराड़, श्रीचंदकृपलानी, पुष्पेंद्र सिंह बाली, अर्जुन लाल जीनगर, जोगेश्वर गर्ग, अजय सिंह किलक, राजेन्द्र भाबूं, राजेन्द्र गुर्जर, अनिता भदेल को मौका मिल सकता है।
अभी भजनलाल मंत्रिमंडल में 6 पद हैं रिक्त
बता दें कि अभी भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में 6 पद खाली हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित कुल 24 मंत्री है। नियम के अनुसार कुल विधानसभा सदस्यों के अधिकतम 15 फीसदी सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है। इस हिसाब से राजस्थान में 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में 6 और नेताओं को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है। वहीं कुछ को बदलकर नए विधायकों को मौका दिया जा सकता है।