Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार (22 फरवरी, 2025) को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत के जवाब पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि कांग्रेस के सभी विधायक वैल में आ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से इंदिरा गांधी पर टिप्पणी की गई। जिसमें इंदिरा को कांग्रेसियों की दादी कहे जानें से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व कांग्रेसी विधायक तमतमाते हुए स्पीकर वासुदेव देवनानी की सीट की ओर जाने लगे। मार्शल ने उन्हें रोका। इसके बाद विधानसभा 3 बार स्थगित हुई और डोटासरा समेत 6 विधायकों को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबन के बाद कांग्रेसी विधायक वैल में ही धरने पर बैठ गए।
इस बात को लेकर हुआ जमकर हंगामा
हुआ यूं कि जिला मुख्यालयों पर कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल सुविधा से जुड़ा सवाल विधायक अनीता भदेल की ओर से लगाया गया था। यह सवाल तारांकित प्रश्नों की सूची में छठे नंबर पर था। भदेल की गैर मौजूदगी में सवाल दीप्ति किरण माहेश्वरी को हस्तांतरित कर दिया। दीप्ति ने सवाल से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे तो मंत्री अविनाश गहलोत ने जवाब दिया। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक प्रश्न करते हुए कहा कि सरकार जिलेवार आंकड़े दें कि कब और कितना बजट दिया। इस पर जब गहलोत जवाब देने लगे तो उन्होंने कहा कि “पिछले बजट में 2023-24 में आपने हर बार की तरह अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’ जैसे ही गहलोत ने यह बात कही, वैसे ही विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया।
जोगाराम बोले, “दादी’ सम्मानजनक शब्द
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंत्री की टिप्पणी का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि यह क्या बकवास है। इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री रही हैं। उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके बाद मामला इतना बिगड़ा कि कांग्रेस विधायक वैल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया और कहा कि “दादी’ एक सम्मानजनक शब्द है, लेकिन तब तक विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंच गए थे। इसके बाद विधानसभा तीन बार स्थगित की गई।
जोगेश्वर गर्ग ने रखा निलंबन का प्रस्ताव
काफी हो हंगामे के बाद सदन में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि कई बार सदन में तल्खी बढ़ जाती है और विरोध भी दर्ज होता है। हालांकि जिस तरह से विपक्ष ने शुक्रवार को विरोध किया, वह संसदीय परंपराओं के विपरीत है। उन्होंने गलत मंशा के साथ विधानसभा अध्यक्ष देवनानी के नजदीक जाने की कोशिश की। हंगामे और नारेबाजी के बीच उन्होंने गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, हाकिम अली खान और संजय कुमार को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिस पर वोटिंग के बाद स्पीकर ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 6 सदस्यों को बजट सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया।