Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गुरुवार (6 फरवरी, 2025) को सदन में नई व्यवस्था देते हुए कहा कि प्रश्नकाल में विधायक के प्रश्न और राज्य सरकार से प्राप्त जवाब सदन के पटल पर आने के बाद उन्हें सभी के संज्ञान में आना माना जाता है। ऐसी स्थिति में प्रश्न और उनके जवाब पढ़ने की आवश्यकता नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायक उस प्रश्न से संबंधित पूरक प्रश्न सदन में पूछ सकते हैं, जिस पर संबंधित मंत्री जवाब देंगे। देवनानी ने कहा कि राज्यसभा, लोकसभा सदस्यों व सचिवालय और अन्य राज्यों के विधानसभा सचिवालयों से इस संबंध में जानकारी ले ली गई है। वहां भी पटल पर रखे जाने वाले प्रश्न और उनके जवाबों को पढ़ा नहीं जाता है।
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Rajasthan Assembly: नई व्यवस्था से अधिक से अधिक प्रश्नों पर हो सकेगी चर्चा
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में भी अब लोकसभा और राज्यसभा की तरह व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि इससे सदन के महत्वपूर्ण समय के प्रत्येक पल का अधिक सदुपयोग होगा और प्रश्नकाल के निर्धारित समय में अधिक से अधिक प्रश्नों पर चर्चा हो सकेगी। बता दें, बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान मुख्य सवाल के जवाब को पढ़ा हुआ माना जाए या नहीं, इस पर जमकर बहस हुई थी। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दी गई व्यवस्था पर सदन में करीब 8 मिनट तक पक्ष-विपक्ष में बहस चलती रही।
पक्ष-विपक्ष में हुई थी जमकर बहस
बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक लक्ष्मण मीणा ने बस्सी विधानसभा क्षेत्र में महाविद्यालयों में रिक्त पदों को लेकर सवाल उठाया था। सवाल का लिखित उत्तर मंत्री प्रेमचंद बैरवा पढ़ने लगे तो स्पीकर वासुदेव देवनानी ने टोकते हुए कहा कि सोमवार को आसन सदन पहले से तय कर चुका है कि लिखित उत्तर को पढ़ा हुआ मानकर पूरक प्रश्न किया जाए। सदन में डिजिटल व्यवस्था के तहत सवाल का जवाब आईपैड पर सामने है और जब सदस्यों के पास लिखित उत्तर आ चुका है तो उसे पढ़ने की आवश्यकता नहीं है। इस पर पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस हुई।
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