Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में चल रहा गतिरोध आखिरकार गुरुवार (27 फरवरी, 2025) शाम मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के प्रयासों से खत्म हो गया। प्रदेश की जनता के हित में मुख्यमंत्री ने यह गतिरोध खत्म करने में अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री विशेष रूप से इसी कारण राजस्थान विधानसभा पहुंचे और शाम को उन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को बुलाया। इसमें गतिरोध तोड़ने के लिए विधानसभा में मुख्यमंत्री के चैंबर में वार्ता की। बैठक में मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के साथ संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल शामिल हुए। सकारात्मक वार्ता में सदन में बना गतिरोध खत्म हुआ। बाद में नेता प्रतिपक्ष जूली ने सीएम को धन्यवाद दिया। इसके बाद कांग्रेस के 6 विधायकों का निलंबन भी रद्द कर दिया गया।
Rajasthan Assembly: सीएम बोले, सबसे बड़ा नियम हमारा संयम
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सदन में कहा कि विधानसभा के नियम-कानून होते हैं और इसमें सबसे बड़ा नियम हमारा संयम है। सदन का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। दो-तीन दिन से सदन में बड़ा व्यवधान था। कई लोगों ने कहा कि सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाए, लेकिन मैंने कहा नहीं। सदन स्थगित नहीं होना चाहिए। सदन राजस्थान की जनता का आश्रय है, जहां जनता सोचती है कि हमारे बारे में वहां विचार होता है। सीएम ने कहा कि कई बार हम भावावेश में आकर टिप्पणी करते हैं।
दी सीख- ‘सोच-समझ कर रखें अपनी बात’
सीएम ने कहा कि कोई व्यक्ति बड़ा होता है तो बड़े के हिसाब से व्यवहार और आचरण भी बदलना पड़ता है। उसे देखना भी होता है। जिस वृक्ष पर फल लगते हैं वही झुकता है। सदन चलना सत्ता और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। मैं तो कहता हूं 200 विधायकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने सत्ता और विपक्ष दोनों को नसीहत देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि के प्रति जनता में जो भाव है, उसे ध्यान में रखना होगा। हमारे किसी सदस्य के मुंह से गलत बात निकलती है तो उसको भी रात को नींद नहीं आती है। उसे पश्चाताप होता है। हम कुछ भी बोलें तो सोच समझ कर और विचार कर बोलें।
स्पीकर ने दी आचरण सुधारने की नसीहत
पूरे प्रकरण पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि जो घटना हुई, वह बहुत ही गंभीर और चिंतनीय है। मैंने इस तरह के शब्द अपने संसदीय जीवन में कभी नहीं सुने। उन्होंने कहा कि प्रकरण के बाद से वह खुद मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेताओं से इस गतिरोध को लेकर संपर्क में थे और कहा भी था कि दोनों पक्ष अगर समिति बनाकर ले आएं तो मुझे कोई सहयोग करने में दिक्कत नहीं है। देवनानी ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता ने जिस सदस्य के शब्दों के लिए खेद प्रकट किया है, उन्हें भी आचरण में सुधार के लिए कहेंगे। भविष्य में उनके आचरण और अनुशासन को सुनिश्चित करेंगे। यह टिप्पणियां माफी की योग्य तो नहीं है, लेकिन आप पर विश्वास करते हुए कहता हूं कि भविष्य में ऐसा नहीं हो, ताकि सदन चले।
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