Rajasthan Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में मेट्रो रेल परियोजनाओं के विकास एवं संचालन के लिए संयुक्त उपक्रम, अक्षय एवं ताप विद्युत परियोजनाओं तथा विद्युत प्रसारण परियोजनाओं के लिए संयुक्त उपक्रम, इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, संस्कृत शिक्षा विभाग में पदनाम परिवर्तन एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में सूपर स्पेशियलिटी शिक्षकों की कमी दूर करने से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री डॉ.प्रेमचन्द बैरवा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकारों कोमंत्रिमंडल में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।
संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन
उप मुख्यमंत्री डॉ.प्रेमचन्द बैरवा ने बताया कि मेट्रो रेल नीति 2017 के अनुसार केंद्र सरकार और राज्य के बीच संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनी के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह संयुक्त उद्यम राजस्थान में वर्तमान में चल रही एवं भविष्य की मेट्रो रेल परियोजनाओं के विकास, परिचालन एवं क्रियान्वयन के लिए होगा। मेट्रो रेल नीति-2017 के अनुसार इस जेवी को भारत सरकार से मेट्रो परियोजना लागत में वित्तीय सहयोग (अंशपूंजी एवं ऋण के रूप में) प्राप्त हो सकेगा। साथ ही, राज्य की मेट्रो परियोजनाओं के लिए तकनीकी एवं प्रशासनिक सहयोग प्राप्त हो सकेगा।
तापीय ऊर्जा एवं प्रसारण परियोजनाओं के लिए ज्वाइंट वेंचर
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। बीते 10 मार्च 2024 को राज्य सरकार और विभिन्न केन्द्रीय पीएसयू के बीच हुए एमओयू की अनुपालना में मंत्रिमंडल की बैठक में आज भारत सरकार की विभिन्न पीएसयू के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनियों के गठन के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इन परियोजनाओं में राज्य सरकार की कंपनियों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत और केन्द्रीय पीएसयू कंपनियों की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत रहेगी।
कोल इंडिया और आरवीयूएनएल के बीच संयुक्त उपक्रम
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच दो अलग अलग जेवी की स्थापना की जाएगी। इसमें एक तापीय परियोजना एवं दूसरी अक्षय ऊर्जा परियोजना होगी। पहली परियोजना के अंतर्गत कालीसिंध तापीय परियोजना झालावाड़ परिसर में 800 मेगावाट की इकाई या किसी अन्य पीटहैड ग्रीनफील्ड कोयला परियोजना की स्थापना की जाएगी। दूसरी जेवी के तहत दो हजार से ढाई हजार मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना, पंप स्टोरेज परियोजना और पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना की जाएगी। इन परियोजनाओं से 17 हजार 200 से 24 हजार 400 करोड़ रूपये का प्रदेश में निवेश होगा।