Rajashan News: रास्थान के स्कूली बच्चों को फास्ट फूड के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षा विभाग प्रदेश में नवाचार करने जा रहा है। प्रदेश के बच्चों को फास्ट फूड, जंक फूड से दूर रखने के लिए स्कूलों में जागरूकता प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, जिसके तहत स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाने की योजना है। यह हेल्थ क्लब बच्चों को फास्ट और जंक फूड के दुष्प्रभाव के साथ-साथ स्वास्थ्य को लेकर भी जागरूक करेंगे।
फास्ट फूड और जंक फूड बच्चों की स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं, लेकिन अभिभावक अपने बच्चों को रोक नहीं पाते। ऐसे में अब यह जिम्मेदारी शिक्षा विभाग उठाने जा रहा है। बच्चों को फास्ट फूड से होने वाले दुष्प्रभावों से जागरूक करने के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हेल्थ क्लब का गठन किया जाएगा। यह हेल्थ क्लब स्कूली बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए फास्ट फूड से होने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी देंगे।
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Rajashan News: शिक्षकों और बच्चों को किया जाएगा शामिल
हेल्थ क्लब बच्चों को फास्ट फूड से दूर रहने के लिए मानसिक रूप से तैयार करने का काम करेंगे। विभागीय आदेशों के अनुसार हेल्थ क्लब में शिक्षकों के साथ स्कूली बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, जो अपने सहपाठियों को यह जानकारी देंगे। साथ ही बच्चों को घर से ले जाने वाले टिफिन के प्रति भी जागरूक किया जाएगा।
धूम्रपान के प्रति भी किया जाएगा अवेयर
राजस्था के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने बताया कि बच्चों को अपनी हेल्थ के प्रति जागरूक करने के लिए हेल्थ क्लब की शुरुआत की जा रही है। स्कूली दौर से ही बच्चे हेल्थ को लेकर पूरी तरह जागरूक हो गए तो वो खुद को और अपने परिवार को पूरी तरह स्वस्थ रख पाएंगे। वह अपने परिजनों के स्वास्थ्य के लिए भी जागरुक रहेंगे। इसी उद्देश्य से स्कूलों में हेल्थ क्लब गठित किए जा रहे हैं। इससे छात्र धूम्रपान जैसी बुरी लत से भी दूर रहेंगे।
इस तरह होगा हेल्थ क्लब का गठन
हेल्थ क्लब में 15 सदस्यों को शामिल किया जाएगा। एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। क्लब में शारीरिक शिक्षक और सामाजिक विज्ञान के शिक्षक सदस्य के रूप में शामिल होंगे। हर क्लास से एक छात्र को क्लब में शामिल किया जाएगा। हर महीने अनिवार्य रूप से क्लब की बैठक होगी। पिछले कामों और आगामी महीने की रणनीति तैयार की जाएगी। खाद्य सुरक्षा और सही खानपान पर ध्यानदेगा क्लब। स्कूलों को तंबाकू मुक्त करने का प्रयास होगा।
अभिभावकों को भी जोड़ने की वकालत
प्रिंसिपल कैलाश आर्य ने बताया कि बच्चे जितने माता-पिता की बात नहीं मानते उतनी टीचर्स की बात मानते हैं। ऐसे में टीचर्स की भी जिम्मेदारी है कि जंक फूड से होने वाले नुकसान के बारे में छात्रों को अवेयर करें। इसे लेकर अभिभावक इतने चिंतित नहीं हैं। जंक फूड में न्यूट्रिशन वैल्यू नहीं होती है, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी। सुझाव यही है कि जिस तरह इस हेल्थ क्लब में शिक्षकों और छात्रों को जोड़ा जा रहा है, अभिभावकों को भी इससे जोड़ा जाए। जब अभिभावक घर में किचन में ही बदलाव कर लेंगे तो छात्रों में खुद-ब-खुद हेल्दी हैबिट डेवलप होगी।
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