Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में वोट चोरी हुई है और इस पूरी प्रक्रिया में चुनाव आयोग खुद भी शामिल रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें राहुल गांधी यह दावा करते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने जो सबूत इकट्ठा किए हैं, वह किसी “एटम बम” से कम नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में गड़बड़ी का शक था, और इसलिए कांग्रेस ने खुद छह महीने तक स्वतंत्र जांच करवाई। उन्होंने कहा कि एक करोड़ नए वोटर जोड़े गए, जिनमें से बड़ी संख्या में फर्जीवाड़े की आशंका है।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा कि “आप जहां भी होंगे, रिटायर्ड हों या कहीं छिपे हों, हम आपको खोज निकालेंगे और बख्शेंगे नहीं।”
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Rahul Gandhi: EC ने बताया भ्रामक
इस पूरे प्रकरण पर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) की फैक्ट चेक टीम ने राहुल गांधी के बयानों को “भ्रामक, तथ्यहीन और धमकी भरा” बताया है। आयोग ने कहा कि कर्नाटक जैसे राज्यों में मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी।
इसमें 31 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs), 419 निर्वाचक रजिस्ट्री अधिकारी (EROs), 58,834 बूथ लेवल ऑफिसर (BLOs) और सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे।
प्रारूप और अंतिम निर्वाचक नामावली सभी पार्टियों, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, के साथ समय रहते साझा की गई थी। उस दौरान किसी भी पार्टी ने कोई औपचारिक आपत्ति या अपील दर्ज नहीं की थी।
10 याचिकाएं दाखिल
चुनाव आयोग ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में 2,82,648 मतदानकर्मियों, 28 रिटर्निंग ऑफिसरों (ROs), 259 सहायक ROs, 113 पर्यवेक्षकों, 4,230 काउंटिंग सुपरवाइजर और उतनी ही संख्या में काउंटिंग असिस्टेंट्स ने भूमिका निभाई।
चुनाव परिणाम घोषित हुए एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक सिर्फ 10 चुनाव याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें से एक भी कांग्रेस उम्मीदवार द्वारा नहीं की गई।
आयोग ने यह भी याद दिलाया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 80 के तहत हर प्रत्याशी को चुनाव परिणामों को चुनौती देने का कानूनी अधिकार प्राप्त है।
राहुल ने किया गैर जिम्मेदाराना बर्ताव
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया पर सीधा हमला बताया। आयोग ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में चुनाव कर्मियों की मेहनत को नज़रअंदाज़ कर उन पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
समय रहते कानूनी प्रक्रिया का सहारा न लेना और बाद में मीडिया के सामने इस तरह का बयान देना पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना और संवैधानिक संस्थाओं को धमकाने जैसा है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह इस तरह की बयानबाजी से बचें और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करें।