Tuesday, August 19, 2025

राहुल गांधी चल रहे देश को अस्थिर करने के लिए विदेशी एजेंडा पर? यह समानताएं सामान्य नहीं हैं!

विदेशी एजेंडा टूलकिट से लोकतंत्र को अस्थिर करने की साज़िश

ट्रंप के हमले की गूँज भारत में क्यों?

भारत में कांग्रेस और उसके सहयोगी जिस दिन चुनाव आयोग के खिलाफ़ अचानक सोशल मीडिया पर #VoteChori और #VoteFraud जैसे हैशटैग्स का सुनामी ले आए।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

उसी दिन अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने वोटिंग मशीनों को “भ्रष्ट और विवादास्पद” करार देते हुए उन्हें खत्म करने की मांग रखी।

ट्रंप ने Truth Social पर घोषणा की कि 2026 के मिडटर्म चुनाव से पहले वे Mail-in Ballots और Voting Machines पर रोक लगाने वाला Executive Order लाएँगे।

सवाल यह है, क्या यह मात्र संयोग है या एक बड़े विदेशी एजेंडे का हिस्सा?

कांग्रेस का इकोसिस्टम और टूलकिट की साज़िश

भारत में कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम सुबह से शाम तक एक ही सुर में चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर हमला बोलता रहा। चुनाव आयुक्त पर महाभियोग की मांग तक कर डाली।

इंस्टाग्राम से लेकर X तक हर जगह एक ही तरह की भाषा, एक जैसे ग्राफिक्स और एक जैसी शब्दावली, मानो किसी केंद्रीय टूलकिट से निर्देश जारी किए गए हों।

कांग्रेस के नेताओं से लेकर उनके पेड इन्फ्लुएंसर्स और यहाँ तक कि 15–20 साल की नाबालिग फूड ब्लॉगर्स तक ECI को “सलाह” देती नज़र आईं।

1000625935
राहुल गांधी के अब तक के सारे मुद्दे और दावे निकले हैं झूठे, सुप्रीम कोर्ट से कई बार खा चुके हैं झूठ बोलने के लिए डांट!

यह कोई स्वतःस्फूर्त जनमत नहीं था, बल्कि टूलकिट आधारित डिजिटल युद्ध था, जो भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने के लिए गढ़ा गया।

पुराने पैटर्न की परतें खुलतीं

यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस की लाइन विदेशी बयानों से मेल खाती है। याद कीजिए, जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा किया था, उसी समय राहुल गांधी ने “Surrender Modi” का नारा बुलंद कर दिया था।

क्या संदेश साफ़ था कि जब विदेश से भारत की संप्रभुता पर सवाल उठे, तो कांग्रेस उसी लय में भीतर से चोट पहुँचाए?

ऑपरेशन सिंदूर के वक्त भी यही हुआ, कांग्रेस ने सबूत माँगे, शंका फैलाई और सेना की वीरता पर पर्दा डालने की कोशिश की।

विदेशी दबाव और कांग्रेस का घरेलू हमला

ट्रंप ने जब भारत पर टैरिफ़ वॉर छेड़ा, उसी समय कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नए आरोपों की झड़ी लगा दी।

विदेश से आर्थिक दबाव, भीतर से कांग्रेस का हमला, यह “दोहरा वार” भारतीय हितों के खिलाफ़ गहरी साज़िश का सबूत नहीं है?

हर किसी के मन में यह सवाल है कि क्या राहुल गांधी और उनकी पार्टी विदेशी चालों की मोहर की तरह काम कर रहे हैं ?

वोटिंग मशीनों पर ट्रंप और कांग्रेस का तालमेल

आज जब ट्रंप वोटिंग मशीनों को अवैध बताकर Watermark Paper Ballots की मांग कर रहे हैं, उसी दिन कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर संगठित हमला बोलना शुरू कर दिया।

इतनी सटीक समानता यह संकेत देती है कि राहुल गांधी का इकोसिस्टम अंतरराष्ट्रीय टूलकिट का विस्तार है।

कांग्रेस भारतीय लोकतंत्र में अविश्वास बोने का वही काम कर रही है, जो ट्रंप अमेरिका में कर रहे हैं।

राहुल गांधी: विदेशी ताक़तों के पैदल सैनिक?

राहुल गांधी पर पहले भी आरोप लगे हैं कि वे सत्ता पाने के लिए विदेशी सहयोग लेते रहे हैं।

उनका बार-बार विदेशी मंचों पर जाकर भारत सरकार की आलोचना करना, देश की छवि खराब करना और विपक्ष के बजाय अंतरराष्ट्रीय लॉबियों के “प्यादे” की तरह व्यवहार करना कोई नई बात नहीं है।

मौजूदा घटनाक्रम यह और पुख्ता करता है कि कांग्रेस का एजेंडा केवल राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि इसके पीछे देश को बांग्लादेश, श्रीलंका की तरह अस्थिर करने की सुनियोजित विदेशी साज़िश हो सकती है।

टूलकिट का असली चेहरा

कांग्रेस के डिजिटल हमले का ढांचा हमेशा एक जैसा रहता है,

  1. बाहर से विदेशी नेता या ताक़त भारत पर सवाल उठाते हैं।
  2. उसी समय कांग्रेस भीतर से उन्हीं सवालों को दोहराती है।
  3. सोशल मीडिया पर टूलकिट लॉन्च होता है, जिसमें पेड अकाउंट्स और इन्फ्लुएंसर्स एक साथ एक्टिव होकर नैरेटिव फैलाते हैं।
  4. देश में अराजकता, असंतोष और अस्थिरता का माहौल खड़ा करने की कोशिश होती है।

देश को अस्थिर करने की मुहिम

राहुल गांधी और कांग्रेस का यह रवैया अब विपक्ष की राजनीति से आगे बढ़कर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की श्रेणी में खड़ा होता जा रहा है।

लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सुनियोजित हमला, सेना पर अविश्वास फैलाना और चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करना, ये सब केवल एक ही लक्ष्य की ओर इशारा करते हैं: देश में अराजकता का माहौल बनाना। चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश करना।

कांग्रेस का असली मक़सद

आज सवाल यह नहीं कि कांग्रेस सरकार का विरोध क्यों करती है, सवाल यह है कि कांग्रेस किसके इशारे पर भारत के लोकतंत्र को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है ?

राहुल गांधी का हर कदम, हर बयान और हर टूलकिट इस ओर इशारा करता है कि वे अब भारत की राजनीति नहीं, बल्कि विदेशी ताक़तों की चाल पर चलते हुए प्यादों का खेल खेल रहे हैं।

अब चुनाव आयुक्त को महाभियोग की धमकी? हारने की खीज से अराजकता पर उतरे राहुल गांधी ?

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article